
'बांग्लादेशियों को बाहर निकालो...', सैयदा हमीद के इवेंट में हिंदू सेना का प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी
AajTak
सैयदा हमीद की ओर से बांग्लादेशी प्रवासियों के अधिकारों के समर्थन में दिए बयान ने असम में राजनीतिक विवाद तेज़ कर दिया है. दिल्ली में उनके बयान के विरोध में असम नागरिक सम्मेलन के आयोजन पर हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की. इस दौरान कार्यक्रम में सैयदा मौजूद थीं.
योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद की बांग्लादेशियों का वकालत करने का मामले में उन्हें तीखी प्रतिक्रियां मिल रही हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी के दिग्गज नेता सैयदा पर हमला बोल रहे हैं. इस बीच दिल्ली में हिंदू सेना ने सैयदा के बयान के खिलाफ मंगलवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सैयदा असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों का बचाव कर रही हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद मार्ग पर स्थित कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब में असम नागरिक सम्मेलन की ओर से 'द स्टेट ऑफ द नेशन विद स्पेशल रेफरेंस टू असम' का आयोजन किया गया. इस आयोजन में सैयदा हमीद मौजूद थीं. इसी इवेंट में हिंदू सेना के कार्यकर्ता घुस गए और जमकर नारेबाजी की.
इवेंट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशियों को बाहर निकालो, जय श्री राम और भारत माता की जयकारे लगाते सुना जा सकता है. प्रदर्शनकारियों भी प्लेकार्ड लेकर आए थे. जिस पर, 'हेमंत जी का एक ही सपना, घुसपैठियों से मुक्त हो असम अपना', 'असम की संस्कृति, असम का शान, नहीं होने देंगे कोई नुकसान', और 'बांग्लादेशियों को बाहर निकालो' जैसे संदेश लिखे थे.
यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी की करीबी सैयदा हमीद ने कहा- भारत में रह सकते हैं बांग्लादेशी, बीजेपी ने साधा निशाना
सैयदा हमीद ने क्या कहा था?
सैयदा हमीद ने बांग्लादेशियों के अधिकार के मुद्दे पर कहा था, 'बांग्लादेशी भी इंसान हैं, उन्हें भारत में रहने का अधिकार है. असम अब खतरनाक जगह बन चुका है, मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है. असम सरकार अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों पर कार्रवाई गलत तरीके से कर रही है. मुस्लिमों को निशाने पर ले रही है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







