
'बहू को घर की लक्ष्मी बनने में कितने दिन लगेंगे...', अजित पवार ने शरद पवार पर फिर साधा निशाना
AajTak
अजित पवार ने कहा है कि कितने दिन तक सास के दिन चलते रहेंगे, कभी बहू के भी दिन आएंगे. कब तक सास-सास करते रहेंगे. बहू ने क्या बस देखते रहना है? कब तक वह बाहर की रहेगी. हम सब बहू को घर की लक्ष्मी मानते हैं. अब 40 बरस हो गए, फिर भी वह बाहर की है. बहू को घर की लक्ष्मी बनने में अभी कितने दिन लगेंगे?
महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट इन दिनों चर्चा में बनी हुई है. इस सीट पर एक तरफ राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार है जबकि दूसरी तरफ शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले चुनावी मैदान में हैं. जीत को लेकर दोनों पक्षों ने कमर कस ली है. लेकिन इस बीच शरद पवार के 'बाहरी' वाले बयान पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है.
शरद पवार ने इस सीट से बेटी सुप्रिया सुले का समर्थन करते हुए उन्हें असली जबकि सुनेत्रा पवार को बाहरी बताया था. अब उनकी इस टिप्पणी पर अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी है. अजित पवार ने कहा है कि कितने दिन तक सास के दिन चलते रहेंगे, कभी बहू के भी दिन आएंगे. कब तक सास-सास करते रहेंगे. बहू ने क्या बस देखते रहना है? कब तक वह बाहर की रहेगी. हम सब बहू को घर की लक्ष्मी मानते हैं. अब 40 बरस हो गए, फिर भी वह बाहर की है. बहू को घर की लक्ष्मी बनने में अभी कितने दिन लगेंगे?
बता दें कि कार्यकर्ताओं की एक बैठक के दौरान अजित पवार ने मतदाताओं से कहा था कि वे इस बार बहू सुनेत्रा पवार को एक मौका दें, क्योंकि जनता ने शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले को तो कई बार चुना है. इस बार सुनेत्रा को जीतने का मौका दें. अजित के इस बयान पर शरद पवार ने सुप्रिया को असली और सुनेत्रा को बाहरी बताया था.
शरद पवार के बयान पर भावुक हो गई थीं सुनेत्रा पवार
शरद पवार की बाहरी वाली टिप्पणी सुनकर सुनेत्रा सार्वजनिक तौर पर काफी भावुक नजर आई थीं. सुनेत्रा ने बाबासाहेब अंबेडकर की 133वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद कहा था कि उन्हें पवारों के गढ़ बारामती के लोगों से अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. उन्होंने कहा था कि मैं पहले दूसरों के लिए वोट मांगती थी, लेकिन इस बार मैं अपने लिए वोट मांग रही हूं. यह एक अलग तरह की जिम्मेदारी है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.







