'बच्चों का करियर खराब न हो जाए', कनाडा-भारत में तनातनी के बीच बढ़ी पेरेंट्स की टेंशन
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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद से कनाडा और भारत के बीच तनातनी जारी है. कनाडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के पेरेंट्स की टेंशन बढ़ गई है. उन्होंने डर है कि कहीं दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्ते से उनके बच्चों का करियर खराब न हो जाए.
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद से कनाडा और भारत के बीच तनातनी जारी है. जहां एक तरफ कनाडा लगातार भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप मड़ रहा है तो वहीं भारत कड़े शब्दों में इसका खंडन कर चुका है. इस बीच कनाडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के पेरेंट्स की टेंशन बढ़ गई है. उन्होंने डर है कि कहीं दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्ते से उनके बच्चों का करियर खराब न हो जाए.
नोएडा में रहने वाले कपिल मोहन शर्मा भी ऐसे ही एक पेरेंट्स में से एक हैं. जिन्होंने लगभग ढाई साल पहले कोरोना काल के दौरान 20 लाख का लोन लेकर अपने बेटे को कनाडा में होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए भेजा था. उम्मीद थी कि जल्द कोर्स कंप्लीट करके बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होगा, लेकिन पिछले कई दिनों से कनाडा को लेकर जो खबरें सामने आ रही हैं, उससे उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं.
कपिल बताते हैं कि वह रोजाना अपने बेटे से 2 से 3 बार वीडियो कॉल पर बातचीत करते हैं. बेटे का कहना है कि फिलहाल हालात सामान्य हैं और सरकार हर तरह की मदद कर रही है. हालांकि कपिल मोहन और उनके परिवार को डर है कि कहीं यूक्रेन जैसे हालात कनाडा में ना बन जाएं, जिसके कारण उनके बच्चे का करियर और उनके परिवार का करियर अधर में लटक जाए.
भजनपुरा में रहने वाला परिवार भी टेंशन में
वहीं दिल्ली के भजनपुरा का रहने वाले विकास का परिवार भी चिंता में है. विकास के पिता अरविंद कुमार का कहना है की डेढ़ साल पहले उन्होंने अपने बेटे को अकाउंट के कोर्स के लिए भेजा था. आज विकास कनाडा में ही एक बैंक में नौकरी करता है. नौकरी करने के साथ-साथ अपना और अपने परिवार का भी पालन पोषण करता है. विकास के माता-पिता भी चिंता में हैं कि कनाडा में जो हालात हैं, उन पर जल्द ही नियंत्रण हो. वह रोज अपने बेटे से बात कर यही कहते हैं कि अगर जरूरत पड़े तो जल्द ही भारत वापस लौट आए.
क्या है पूरा मामला?
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