पुतिन रूस के चुनाव को आख़िर कैसा बनाना चाहते हैं?
BBC
क्यों कहा जा रहा है कि पुतिन की पार्टी रूसी चुनाव को जीतने के लिए भी कोई कोशिश नहीं छोड़ना चाहती.
19 सितंबर को होने वाले रूस के निचले सदन के चुनाव ने देश के राजनैतिक पटल पर काफ़ी गहरा प्रभाव छोड़ा है, वो भी तब, जब अभी तक एक भी वोट नहीं पड़ा है. राष्ट्रपति पुतिन के सत्ता में आने के बाद रूस में चुनाव नाममात्र के ही रह गए हैं, क्योंकि देश के राजनैतिक समीकरणों पर उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. भारत को क्या शामिल करने जा रहा रूस? जयशंकर की कोशिश हुई कामयाब? अफ़ग़ानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच क्या चीन 'मध्यस्थ' की भूमिका निभा सकता है? इस सबके बावजूद, रूस इस बार बहुत कड़े क़दम उठा रहा है, ताकि इस बार के चुनाव भी पिछले चुनावों की तरह कोई परिवर्तन ना ला सकें और इसी के साथ रूस की राजनीति एक नई, और भी ज़्यादा सत्तावादी दिशा में बढ़ रही है.More Related News