
पासवान और सोरेन सहित इन 5 सियासी परिवारों की कलह का फायदा किसे?
AajTak
परिवारवाद के खिलाफ बिगुल बजाकर बीजेपी दोहरे मजे ले रही है. एक तरफ तो जनता में यह वंशवाद मुद्दा बन चुका है. दूसरे सियासी परिवारों में कलह होने से हर परिवार का एक हिस्सा बीजेपी को सपोर्ट करता दिख रहा है.
मंगलवार का दिन 2 सियासी परिवारों के लिए बड़ा अमंगलकारी दिख रहा है. केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता पशुपति पारस ने एनडीए में कोई सीट न मिलने और लोजपा चिराग गुट को तवज्जो मिलने को अपने साथ अन्याय बताते हुए रिजाइन कर दिया. दूसरी खबर रांची से आई है. सोरेन परिवार में भी कलह चरम पर पहुंच गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने झाऱखंड मुक्ति मोर्चा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा ज्वाइन कर ली. ये पारिवारिक कलह केवल इन दो परिवारों तक ही सीमित नहीं है. पारिवारिक कलह का शिकार महाराष्ट्र ठाकरे और पवार परिवार भी हुआ है, और ऐसी ही कुछ बंगाल के बनर्जी परिवार से भी खबर आई. सवाल यह उठता है कि क्या ऐन लोकसभा चुनावों के समय इन परिवारों में उभरते कलह से किसका फायदा होने वाला है? एक सवाल यह भी है कि क्या इन परिवारों में कलह किसी रणनीति का हिस्सा है?
1- पशुपित पारस को हल्के में लेना खतरनाक
पासवान परिवार की लड़ाई में अकसर पशुपति पारस का शून्य के तौर पर आंकलन होता है. पर ऐसा नहीं है. चाचा भतीजे के झगड़े में नुकसान तो लोजपा के दोनों गुटों का होने ही वाला है. पशुपति का सामर्थ्य समझने के लिए हमे थोड़ा पासवान परिवार के इतिहास में जाना होगा. रामविलास पासवान अपने भाई राम चंद्र पासवान जो कि प्रिंस राज के पिता हैं, को केंद्रीय राजनीति में रखते थे,जबकि पशुपति पारस को वो अपने गृह क्षेत्र अलौली से विधायक बनवाते थे. ताकि उनके सहारे प्रदेश की राजनीति पर भी पकड़ बनी रहे. यही कारण था कि रामविलास राष्ट्रीय और पशुपति प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे. सन् 2000 में जब नीतीश सात दिन के सीएम बने तब उनके साथ सुशील मोदी और पशुपति पारस ही मंत्री बने थे. मतलब रामविलास के सियासी वारिस तब पारस ही थे. 2017 में भी जब नीतीश राजद का साथ छोड़ बीजेपी के साथ आए तो पारस फिर नीतीश सरकार में मंत्री बने थे.
रामविलास पासवान अपने छोटे भाई पशुपति को कितना मानते थे ये तब सामने आया जब 2019 में जब खुद राज्यसभा गए तो पशुपति को हाजीपुर की सेफ सीट दी. इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि वो चाहते तो बेटे चिराग को हाजीपुर से सांसद बना सकते थे. रामविलास पासवान के निधन के बाद जब चिराग ने विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर नीतीश के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की रणनीति बनाई तो पारस नाराज हो गए. इस चुनाव में चिराग ने 143 उम्मीदवार उतारे इनमें से 45 ने जेडीयू उम्मीदवारों को हराने में अहम रोल निभाया.
जब चिराग बॉलीवुड में पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे, तब पार्टी पारस ही चला रहे थे. ऐसे में पशुपति को कमजोर समझना भारी भूल होगी. यह कुछ वैसे ही चूक है जैसे उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने शिवपाल की उपेक्षा करके की थी. जिसका फल समाजवादी पार्टी आज तक भुगत रही है. जाहिर है कि दोनों अगर एक साथ रहते तो ज्यादा मजबूत होते. दोनों की आपसी लड़ाई का नुकसान लोजपा को भी हो सकता है. अगर पशुपति पारस महागठबंधन की ओर से हाजीपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ जाते हैं तो चिराग के लिए मुश्किल भी हो सकती है.
2- सोरेन परिवार की कलह से इंडिया गठबंधन को नुकसान

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







