पारस अस्पताल में 22 लोगों की मौत पर बोले अखिलेश- खुद पर FIR दर्ज करे UP सरकार
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आगरा के पारस अस्पताल में हुए हादसे पर समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने इस घटना को दुखद बताते हुए यूपी की बीजेपी सरकार को नसीहत दी है कि सरकार अपने खिलाफ खुद एफआईआर करे. अखिलेश यादव ने इस हादसे को चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा धब्बा बताया है. उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि शासन और प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाना घोर आपराधिक कृत्य है.
आगरा के श्री पारस अस्पताल में हुए हादसे पर समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने इस घटना को दुखद बताते हुए यूपी की बीजेपी सरकार को नसीहत दी है कि सरकार अपने खिलाफ खुद एफआईआर करे. अखिलेश यादव ने इस हादसे को चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा धब्बा बताया है. आगरा के एक अस्पताल में ऑक्सीजन मॉकड्रिल में 22 लोगों की मौत की ख़बर बेहद दुःखद है। दिवंगतों को श्रद्धांजलि! ये घटना उत्तर प्रदेश की ‘चिकित्सा व्यवस्था’ पर एक बड़ा धब्बा है। शासन-प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाना घोर आपराधिक कृत्य है। उप्र की भाजपा सरकार अब अपने ख़िलाफ़ FIR करे। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि शासन और प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाना घोर आपराधिक कृत्य है. इससे पहले कांग्रेस ने भी योगी सरकार को हादसे पर घेरा है. दरअसल आगरा के श्री पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के मॉक ड्रिल के दौरान 22 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हादसे के सामने आने के बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया है, वहीं संचालक के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है. श्री पारस हॉस्पिटल में हुए हादसे पर अब जमकर राजनीति हो रही है. सियासी पार्टियां सत्तारूढ़ सरकार को जमकर घेर रही हैं. समाजवादी पार्टी से पहले कांग्रेस योगी सरकार से तीखे सवाल पूछ चुकी है. कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि बीजेपी सरकार में ऑक्सीजन और मानवता की भारी कमी है. वहीं प्रियंका गांधी ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत के लिए जिम्मेदार का नाम पूछा है.आगरा का पारस हॉस्पिटल सीज, ऑक्सीजन की कमी से 22 लोगों की मौत का वीडियो वायरलजर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
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