पाकिस्तान को मदद कर सऊदी अरब क्या हासिल करता है?
BBC
सऊदी अरब पाकिस्तान तो आर्थिक रूप से तबाह होने से बचाता रहा है. लेकिन ये सब करने के बाद सऊदी अरब को पाकिस्तान के क्या मिलता है? सऊदी पाकिस्तान को इतना क़र्ज़ क्यों देता है?
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चौतरफ़ा संकट में है. मई महीने के बाद यहाँ की मुद्रा रुपए में 13.6 फ़ीसदी की गिरावट आई. इसी हफ़्ते मंगलवार को एक डॉलर के लिए पाकिस्तान में 175.80 रुपए देने पड़ रहे थे. अब भी एक डॉलर की क़ीमत 173 रुपए के आसपास है.
पाकिस्तान का आयात बिल भी लगातार बढ़ रहा है इसलिए विदेशी मुद्रा भंडार भी ख़ाली होता जा रहा है. पिछले साल दिसंबर के आख़िर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 427 अरब डॉलर था. इसमें क्रमशः बढ़ोतरी होती रही और सिंतबर महीने के पहले हफ़्ते में 582 अरब डॉलर तक पहुँच गया. यानी पिछले आठ महीनों 36.3 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई.
वहीं पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले साल के आख़िर में 17.93 अरब डॉलर था, इस साल सितंबर महीने के पहले हफ़्ते में 19.96 अरब डॉलर तक पहुँचा था. यानी पिछले आठ महीनों में महज़ 11.3 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई.
पाकिस्तान किसी तरह से भुगतान संतुलन के संकट से बचा हुआ है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ से छह अरब डॉलर का पैकेज हासिल करने में लगा है.