पश्चिम यूपी में BJP ने झोंकी ताकत, क्या किसान आंदोलन से नुकसान का है डर?
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UP Election 2022: बीजेपी का इस वक्त पूरा फोकस पश्चिमी यूपी पर है, पूरी कोशिश जाटों को साधने की है. किसान आंदोलन से नुकसान का बीजेपी को डर है इसलिए उस जोखिम को कम से कम करने का प्रयास हो रहा है. इस बार चुनावी युद्ध 2017 से हटकर है. कृषि कानूनों की वजह से जाटों के असंतोष का दायरा इतना बड़ा और घना रहा कि बीजेपी खुद को खतरे में देखने लगी है. पहले तीनों कानून निरस्त किए और अब जाटों को मनाने की कवायद चल रही है. बीजेपी ने पश्चिम यूपी में पूरी ताकत झोंक दी है ऐसा लग रहा है मानों बीजेपी की तो पूरी उम्मीद ही पश्चिम यूपी पर टिकी है. देखें वीडियो.
मुंबई की उत्तर पश्चिम सीट की मतगणना के दौरान अनियमितता के आरोप लगे हैं. दरअसल उत्तर पश्चिम मुंबई सीट पर उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार मात्र 48 वोटों से हारे हैं. उनका आरोप है कि गिनती में धांधली हो गई. ठाकरे की पार्टी की शिकायत पर EC ने मुकदमा भी दर्ज करा दिया और अब उसकी जांच जारी है. लेकिन उद्धव गुट अब कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा है.
राहुल गांधी जब 2019 में गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी में बीजेपी के स्मृति ईरानी से हार गए थे, तब वायनाड ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनकर भारत की संसद में भेजा था. फिर राहुल ने मुश्किल की घड़ी में अपना साथ देने वाले वायनाड को छोड़कर रायबरेली को क्यों चुना? दरअसल, यह निर्णय पार्टी की रणनीति का संकेत देती है.
प्रियंका गांधी को केरल के वायनाड के रास्ते लोकसभा में पहुंचने की हरी झंडी कांग्रेस ने दे दी है. कांग्रेस कार्यकर्ता बहुत पहले से ही यह डिमांड करते रहे हैं. पिछले दिनों राहुल गांधी ने भी कहा था कि बनारस से अगर प्रियंका गांधी चुनाव लड़ी होतीं तो पीएम मोदी चुनाव हार गए होते. सवाल यह है कि अगर इतना विश्वास प्रियंका पर है तो उन्हें इतना देर से क्यों मुख्य धारा में लाया जा रहा है. फिलहाल देर आए दुरुस्त आए जैसा होना चाहिए.