पश्चिमी यूपी: कितनी सच है 'जिसके जाट, उसके ठाठ' की कहावत? समझें पूरा सियासी गणित
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कहा जाता है 'जिसके जाट, उसके ठाठ', ये सिर्फ एक कहावत नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इतिहास का सच है. 1960 के दशक में अगर चौधरी चरण सिंह ने उत्तर प्रदेश से कांग्रेस की राजनीति को समेटा तो उसके पीछे उनका जाट राजनीति के मुखिया के तौर पर उभरना था. दो फॉर्मूले तब चर्चा में थे- अजगर मजगर. फिर जब मुलायम सिंह राजनीति में मजबूत हुए तो इन समीरकणों से अहीर यानि की यादव अलग रास्ते पर चल निकले और फिर राजपूत भी निकल आए. चौधरी चरण सिंह के पुत्र अजीत चौधरी ने काफी हद तक मुस्लिम और जाट समीकरण को साधे रखा था, 2017 में बीजेपी के चुनाव जीतने के पलहे यही समीकरण चलते थे.समझें पूरा सियासी गणित.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.