पत्रकार विनोद दुआ को राहत, SC ने निरस्त की राजद्रोह मामले में दर्ज FIR
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हिमाचल प्रदेश में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर दर्ज की गई राजद्रोह की FIR को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर पत्रकार कानूनी रूप से सुरक्षा मिलने का अधिकार रखता है.
राजद्रोह मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. हिमाचल प्रदेश में विनोद दुआ पर दर्ज की गई राजद्रोह की FIR को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर पत्रकार कानूनी रूप से सुरक्षा मिलने का अधिकार रखता है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश के शिमला में पत्रकार विनोद दुआ पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. आरोप था कि विनोद दुआ ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी. इसी को लेकर विनोद दुआ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. विनोद दुआ ने उनपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी, साथ ही पत्रकारों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामलों की जांच के लिए एक कमेटी की गठन की अपील की गई थी. गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च अदालत ने विनोद दुआ पर दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया है. हालांकि, अदालत ने दूसरी याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पत्रकार इस तरह के राजद्रोह के मामलों में सुरक्षा प्राप्ति के अधिकारी हैं. अदालत ने केदारनाथ सिंह मामले का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की धाराएं तभी लगानी चाहिए जब किसी की कोशिश शांति को बिगाड़ने और अराजकता पैदा करने की हो. बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत सरन की बेंच कर रही थी. ये भी पढ़ेंबार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
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