
पंजाब से हिमाचल और दिल्ली तक इस बार बारिश इतनी तबाही वाली क्यों? मौसम विभाग ने बताया कारण
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भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि 28 अगस्त से 3 सितंबर के बीच भारत में सामान्य से 48 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई, औसत वर्षा 75.2 मिलीमीटर रही. इस मानसूनी सीजन तक कुल बारिश सामान्य से 8 फीसदी अधिक रिकॉर्ड हुई है. मानसून ट्रफ की सक्रियता से बारिश में वृद्धि हुई है.
इस साल भारत में मानसून में जमकर बारिश हुई है. 2025 मानसून में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे कई राज्यों में बाढ़ आ गई है. पंजाब, बिहार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड ने भारी बारिश ने क़हर बरपाया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगस्त में इतनी बारिश हुई कि एक दशक का रिकॉर्ड टूट गया. इतना ही नहीं, उत्तर भारत में बारिश ने अगस्त 2025 में 1901 के बाद 13वां सबसे उच्चतम रिकॉर्ड बनाया.
बीते एक सप्ताह से भारत के अधिकांश इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, पूरे देश में 28 अगस्त लेकर 3 सितंबर के बीच औसत से 48 फीसदी अधिक बारिश हुई है. इस दौरान देशभर में 75.2 मिमी वास्तविक बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश 49 मिमी मानी जाती है.
इस मानसून सीजन यानि कि 1 जून से 2 सितंबर तक 780.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 721.1 मिमी से 8 फीसदी अधिक है. इसका मतलब ये है कि ये दोनों ट्रफ लाइनें अब देश के अलग-अलग हिस्सों में बरसात के मौसम को प्रभावित कर रही हैं.
क्या है इतनी बारिश का कारण?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल अधिक बारिश होने का एक कारण इस समय मानसून ट्रफ समुद्र तल पर अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में बना होना है. साथ ही यह निचले ट्रोपोस्फेरिक लेवल तक फैली है. इसके अलावा, एक अन्य ट्रफ उत्तर-पूर्व अरब सागर से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है.
IMD का पूर्वानुमान

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