न साझा रैली, न दफ्तर और न ही आया LOGO... क्या धरी रह गई INDIA गठबंधन की प्लानिंग?
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चर्चा है कि आगामी चुनावों के मद्देनजर INDIA गठबंधन शुरुआती प्रचार प्रसार और दलों की बैठकों में किए गए बड़े-बड़े वादों को पूरा करने में पीछे रह गया है. साझा रैली से लेकर लोगो तक अब भी तय नहीं हो सका है. वहीं आए दिन गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच टकरार नजर आता है.
इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले INDIA गठबंधन को लेकर तरह-तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं. मुंबई में करीब डेढ़ महीने पहले हुई विपक्षी दलों की मेगा मीटिंग के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तनातनी खुलकर सामने आई. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अखिलेश यादव ने खुलकर निशाना साधा. इस बीच अब चर्चा है कि आपसी टकरार के चलते INDIA गठबंधन शुरुआती प्रचार प्रसार और दलों की बैठकों में किए गए बड़े-बड़े वादों को पूरा करने की तैयारियां धरी रह गई हैं. साझा रैली से लेकर लोगो तक अब भी तय नहीं हो सका है.
INDIA गठबंधन में शामिल पार्टियों का संकल्प और वर्तमान स्थिति
तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों की बैठकों में आग्रह किया था कि सीटों का बंटवारा सितंबर तक पूरा हो जाना चाहिए. इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने संकल्प भी लिया था. इसमें कहा गया था कि हम, INDIA पार्टियां, आगामी लोकसभा चुनाव जहां तक संभव हो मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं. विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाएगी और लेन-देन की सहयोगात्मक भावना के साथ जल्द से जल्द इसे पूरा किया जाएगा. हालांकि गठबंधन के इस प्रस्ताव पर अब तक भी कोई प्रगति नहीं हुई है.
गठबंधन में शामिल पार्टियों में नजर आने लगी खटास
सूत्रों ने संकेत दिया है कि ममता बनर्जी उक्त प्रस्ताव में सीट बंटवारे की कोई 'निश्चित' समय सीमा नहीं दिए जाने से भी नाराज थीं, क्योंकि इसमें कहा गया है कि INDIA पार्टियां 'जहां तक संभव हो' लोकसभा चुनाव लड़ने की कोशिश करेंगी. आगामी विधानसभा चुनावों में ही गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच खटास नजर आने लगी है. कारण, कांग्रेस ने फिलहाल लोकसभा चुनावों से ध्यान हटाकर राज्यों में होने वाले विधानसभा पर फोकस शुरू कर दिया है. इसके लिए वह INDIA गठबंधन में शामिल पार्टियों को भी साथ लेने से परहेज करती नजर आ रही है.
कांग्रेस के रवैये से पार्टियां नाराज
दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है. राहुल गांधी कांग्रेस के मुख्यालय पहुंच चुके हैं और नीतीश कुमार पटना से दिल्ली आ रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए हैं, इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 295 सीटों का अपना एग्जिट पोल दिया था. राहुल गांधी और नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली में अपनी उपस्थिति और सियासी हलचल ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन 25 से ज्यादा सीटें हासिल करेगा. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, महंगाई से आजादी के लिए वोट किया है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता का जनसैलाब तेजस्वी यादव के लिए प्यार दिखा रहा था. विरोधी दो दिन तक खुशफहमी में जी लें.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को प्रधानमंत्री मोदी का पोल बता दिया और उसे पूरी तरह से नकार दिया. राहुल गांधी ने दावा किया कि 'इंडिया गठबंधन' को 295 सीटें मिल रही हैं. सिद्धू मूसेवाला का गाने 295 जितनी हमारी सीटें आएंगी.
बैठक में खड़गे पार्टी उम्मीदवारों को 4 जून को काउंटिंग के दौरान एहतियात बरतने को लेकर दिशा निर्देश देंगे. मीटिंग में अध्यक्ष खड़गे के अलावा राहुल गांधी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल भी मौजूद हैं. कांग्रेस ने यह बैठक ऐसे समय पर बुलाई है जब एक दिन पहले ही अंतिम दौर का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे आए हैं.
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पश्चिम बंगाल के नादिया में बीजेपी कार्यकर्ता हफीजुल शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. हफीजुल ने कुछ समय पहले ही बीजेपी का हाथ थामा था. पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता के परिवार ने दावा किया कि वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुआ था, इसलिए उसकी हत्या की गई है.