
'नोटबंदी ने कभी न भूल पाने वाली चोट दी'... नकली नोटों पर RBI की रिपोर्ट को लेकर राहुल का केंद्र पर निशाना
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राहुल गांधी ने RBI रिपोर्ट का जिक्र कर कहा, 8 नवंबर 2016, नोटबंदी के नाम पर देश को अचानक लाइन में लगा दिया गया. लोग अपना ही पैसा निकालने के लिए तरस गए, कई घरों में शादियां थी, बच्चों और बुजुर्गों के इलाज चल रहे थे, गर्भवती महिलाएं थी लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं थे, घंटों लाइन में लगने की वजह से कई लोगों की मृत्यु हो गई.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नकली नोटों को लेकर जारी डेटा को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को देश को अचानक लाइन में लगा दिया था. लोग अपना ही पैसा निकालने के लिए तरस गए थे. उन्होंने कहा, राजा के एक तानाशाही फरमान ने जनता को कभी न भूल पाने वाली चोट दी है, नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा.
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ''8 नवंबर 2016, नोटबंदी के नाम पर देश को अचानक लाइन में लगा दिया गया. लोग अपना ही पैसा निकालने के लिए तरस गए, कई घरों में शादियां थी, बच्चों और बुजुर्गों के इलाज चल रहे थे, गर्भवती महिलाएं थी लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं थे, घंटों लाइन में लगने की वजह से कई लोगों की मृत्यु हो गई.''
राहुल गांधी ने लिखा, 2022 में RBI के हवाले से खबर आयी कि बैंक में पहुंचे 500 के 101.9% और 2 हजार के 54.16% से ज्यादा नोट, नकली हैं. 2016 में जहां 18 लाख करोड़ 'कैश इन सर्कुलेशन' में था, वहीं आज 31 लाख करोड़ 'कैश इन सर्कुलेशन' में है. सवाल है कि आपके 'डिजिटल इंडिया', 'कैशलेस इंडिया' का क्या हुआ, प्रधानमंत्री जी?
मोदी ने जानबूझ कर ऐसा किया- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता ने लिखा, नोटबंदी के वक्त मैंने कहा था कि ये 'राष्ट्रिय त्रासदी' है. गलतफहमी में मत रहिए- मोदी जी से गलती नहीं हुई, ये जानबूझ कर किया गया है ताकि आम जनता के पैसे से 'मोदी-मित्र' पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपये कर्ज माफ किया जा सके और उनके कालेधन को सफेद किया जा सके. राजा के एक तानाशाही फरमान ने जनता को कभी न भूल पाने वाली चोट दी है, नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा.
क्या है आरबीआई की रिपोर्ट?

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