
नीतीश के OBC-EBC दांव से ST आरक्षण डबल हो गया, SC आरक्षण 16 से बढ़कर 20 फीसदी हो गया, जानिए किस जातीय समूह को कितना फायदा हुआ
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बिहार विधानसभा में गुरुवार को आरक्षण संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया है. राज्य में कुल 75 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. 65 फीसदी आरक्षण का सीधा लाभ पिछड़ा, अति पिछड़ा, एससी और एसटी वर्ग को मिलेगा. 10 फीसदी आर्थिक रूप से पिछड़े (EWS) लोगों को मिलेगा.
बिहार में जाति आधारित जनगणना के बाद आरक्षण में संशोधन हो गया है. गुरुवार को नीतीश सरकार ने विधानसभा के पटल पर आरक्षण संशोधन बिल 2023 पेश किया, जो सर्वसम्मति से पास हो गया. विपक्षी बीजेपी ने भी इस बिल का समर्थन किया. माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव से पहले INDIA अलायंस के बड़े चेहरे नीतीश कुमार ने ओबीसी-ईबीसी को साधने का नया दांव खेला है. इसके साथ ही वर्ग को संदेश देने की कोशिश की है. नीतीश सरकार के इस दांव का ST वर्ग को भी लाभ मिला और इस वर्ग का आरक्षण भी डबल हो गया है.
बता दें कि इस बिल के तहत बिहार में आरक्षण का दायरा 60 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया है. राज्य सरकार की तरफ से 65 प्रतिशत और EWS के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 10 प्रतिशत रिजर्वेशन लागू होगा. अब यह विधेयक विधान परिषद में पेश किया जाएगा. फिर राज्यपाल की मंजूरी मिलेगी और यह कानून बन जाएगा. बिहार में जातीय जनगणना के अनुसार, पिछड़ा वर्ग (OBC) और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की कुल आबादी 63.13 फीसदी है. इस वर्ग को अब सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में कुल 43 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा.
'डबल हो गया ST का रिजर्वेशन'
अब तक इन दोनों वर्गों को 30 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था. सरकार ने सीधे 13 प्रतिशत आरक्षण बढ़ा दिया है. इसी तरह, अनुसूचित जाति वर्ग को आरक्षण 16 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है. अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण भी डबल कर दिया है. पहले ST वर्ग को एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता था, अब बढ़ाकर दो प्रतिशत कर दिया है.
'जातीय सर्वे के बाद लिया फैसला'
पिछड़ा वर्ग (BC) को अब 18 प्रतिशत और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को 25 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. पहले EBC वर्ग को 18 और BC वर्ग को 12 फीसदी आरक्षण मिल रहा था. विधानसभा के पटल पर विधेयक पारित होने पर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार का बयान आया. उन्होंने कहा, जातीय सर्वे में यह स्पष्ट हुआ कि अवसर और स्थिति में समानता के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पिछड़ा वर्ग, एससी और एसटी समाज के बड़े हिस्से को बढ़ावा देने की जरूरत है. अभी सरकारी सेवाओं में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व अनुपातिक रूप से कम है. इसलिए हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए सरकार ने आरक्षण में संशोधन करने का फैसला लिया है. हालांकि, इस विधेयक में EWS का जिक्र नहीं है. बीजेपी ने सरकार पर सवाल उठाया है.

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