![नीतीश कुमार के खेमे में जा रहे RJD नेताओं के 'वारिस', आखिर क्या है JDU की रणनीति?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202204/raj_bannabh_yadav-sixteen_nine.jpg)
नीतीश कुमार के खेमे में जा रहे RJD नेताओं के 'वारिस', आखिर क्या है JDU की रणनीति?
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बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मुस्लिम-यादव के साथ दूसरी जातियों को जोड़कर नई सोशल इंजीनियरिंग बनाने में जुटे हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू को फिर से मजबूत करने में जुटे हैं. नीतीश के टारगेट पर आरजेडी के बड़े नेताओं के बेटे हैं, जिन्हें वो अपने साथ मिला रहे हैं. आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे के बाद राजबल्लभ के भतीजे को साधने में जेडीयू जुटी है.
बिहार की सियासत में जेडीयू और आरजेडी के बीच शह-मात का खेल चल रहा है. तेजस्वी यादव इन दिनों आरजेडी को मुस्लिम-यादव के तमगे से बाहर निकालकर नई सोशल इंजीनियरिंग गढ़ने में जुटे हैं. वहीं, सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के सियासी समीकरण को दुरुस्त करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. आरजेडी के दिग्गज नेताओं के सियासी वारिसों पर उनकी नजर है, जिन्हें अपने साथ मिलाने में जुटे हैं. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे की जेडीयू में एंट्री के बाद अब लालू यादव के करीबी माने जाने वाले राजबल्लभ यादव परिवार से सदस्य को मिलाने की बारी है.
नीतीश कुमार ने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के परिवार में बड़ी टूट को अंजाम दिया, जिसका नतीजा यह है कि मंगलवार को जगदानंद सिंह के सबसे छोटे बेटे अजीत सिंह जेडीयू में शामिल हो गए. वहीं, अब आरजेडी विधायक विभा देवी और पूर्व आरजेडी विधायक और लालू यादव के करीबी माने जाने वाले राजबल्लभ यादव के भतीजे अशोक यादव ने नीतीश कुमार से मुलाकात की है, जिसके बाद उनके जेडीयू में जाने की चर्चांए तेज हैं. अशोक यादव निर्दलीय एमएलसी बने हैं.
अशोक यादव आरजेडी विधायक विभा देवी और जेल में बंद पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के भतीजे हैं. स्थानीय निकाय के एमएलसी चुनाव में आरजेडी ने अशोक यादव को नवादा सीट से टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय ताल ठोक दी. तेजस्वी यादव ने अपनी सोशल इंजीनियरिंग के तहत अशोक यादव के बजाय श्रवण कुशवाहा को एमएलसी प्रत्याशी बनाया था. आशोक यादव के सियासी प्रभाव के आगे तेजस्वी का कुशवाहा कार्ड खेलने का दांव सफल नहीं हो सका. अशोक ने निर्दलीय चुनाव जीतकर खुद को साबित कर दिया.
एमएलसी बनने के बाद अशोक यादव अब अपने सियासी ठिकाने की तलाश में जुट गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अशोक यादव ने मुलाकात की. लेकिन, सीएम से मिलने से पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी. इसके बाद अशोक यादव ने जेडीयू अध्यक्ष लल्लन सिंह के साथ मुख्यमंत्री आवास पर जाकर नीतीश कुमार से मिले. नीतीश कुमार ने अशोक यादव को विधान परिषद की समिति में जगह देकर एक बड़ा सियासी दांव चल दिया है.
जेडीयू में जाने के संकेत दे रहे अशोक यादव
अशोक यादव ने आजतक के साथ बातचीत में कहा कि वह उसी का साथ देंगे जो नवादा जिले के विकास के लिए काम करेगा और जिले का कल्याण करेगा. नीतीश कुमार से मुलाकात पर अशोक यादव ने कहा कि नवादा जिले की समस्या से अवगत कराया और जिले के विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया. अशोक यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी सभी मांगों को धैर्यपूर्वक सुना है और जल्द ही सभी काम करवाने का भरोसा जताया है. इस तरह इशारों-इशारों में उन्होंने जेडीयू के साथ जुड़ने के संकेत दे दिए हैं.
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