
धराली: बाढ़ग्रस्त खीर गंगा घाट में SDRF कर रही ड्रोन निगरानी, सड़क बंद होने से राहत और लॉजिस्टिक पर असर
AajTak
धराली में ऑपरेशन जिंदगी का छठवां दिन है. बड़े पैमाने पर एनडीआरएफ, आर्मी और एसडीआरएफ अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं. सर्च अभियान एक बड़ी चुनौती है, जिसका उद्देश्य संभावित लापता लोगों के शव बरामद करना है. इवैक्वेशन पूरा हो गया है, जबकि राहत कार्यों में समय लगता है.
धराली में ऑपरेशन जिंदगी आज छठे दिन में प्रवेश कर चुका है. एनडीआरएफ, एयरफोर्स और एसडीआरएफ की टीमें बड़े पैमाने पर जुटी हुई हैं. सर्च ऑपरेशन यहां सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. इवैक्यूएशन यानी लोगों को सुरक्षित निकालने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन राहत पहुंचाने में समय लग रहा है. अब मुख्य ध्यान सर्च अभियान पर है—ताकि जमीन के नीचे दबे हर हिस्से की जांच की जा सके और लापता लोगों के शव बरामद हो सकें. ज़मीन के नीचे दबे ढांचे या लोगों का पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार (GPR) का इस्तेमाल हो रहा है.
कम्युनिकेशन यानी संपर्क व्यवस्था भी एक बड़ी समस्या थी, जिसे अब हल कर लिया गया है. भारतीय सेना की सिग्नल ब्रिगेड ने यहां इंटरनेट सेवा बहाल की है. भारतीय सेना की पारा सिग्नल रेजिमेंट ने इंटरनेट और कॉलिंग सुविधाएं बहाल कीं. इससे इलाके के लोग अपने परिजनों से संपर्क कर पा रहे हैं—मैसेज भेज रहे हैं, कॉल कर रहे हैं. कई टेलीकॉम कंपनियों ने भी इस कार्य में मदद की है.
धराली में जो लोग अब भी मौजूद हैं, उनके लिए यह सुविधा बेहद राहत भरी है. सेना एक तरफ इवैक्यूएशन और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है, वहीं दूसरी तरफ कम्युनिकेशन बहाल करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. लगभग 2025 मीटर के दायरे में मौजूद लोग अब अपने परिजनों से जुड़ पा रहे हैं और संदेश भेज पा रहे हैं.
ड्रोन से निगरानी
राज्य के बचाव और आपदा प्रबंधन दल यानी एसडीआरएफ (स्पेशल डकैपिटी रेस्पॉन्स फोर्स) ने खीर गंगा घाट पर बाढ़ की स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही है. इस निगरानी में उन्होंने आधुनिक तकनीक ड्रोन का व्यापक उपयोग किया है. बाढ़ के बाद, खीर गंगा घाट का क्षेत्र संवेदनशील हो गया है क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर जलस्तर में वृद्धि हुई है और भूमि कटाव भी हुआ है.
यह भी पढ़ें: 'कुछ ही पलों में आवाज आने लगी, जैसे...' धराली आपदा में कई दिन फंसे रहे रामपुर के लोगों ने सुनाई आपबीती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.






