दो भाईयों का विवाद श्मशान तक पहुंचा, संपत्ति के लिए मां को दी अलग-अलग मुखाग्नि
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बिहार के छपरा में संपत्ति की लड़ाई का विवाद श्मशान तक पहुंच गया. दो भाईयों ने अपनी मां को अलग-अलग मुखाग्नि दी. घटना छपरा के भगवान बाजार का है.
बिहार के छपरा में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जहां संपत्ति की लड़ाई मां के मरने के बाद श्मशान तक पहुंच गई और वहां हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ. मामला दो भाईयों के बीच संपत्ति की लड़ाई का है. छपरा से ये मामला आया है जहां संपत्ति के बंटवारे और विवाद को लेकर श्मशान घाट पर दो भाईयों ने अपनी मां को अलग-अलग मुखाग्नि दी. घटना छपरा के भगवान बाजार का बताया जा रहा है. जहां एक सौ पांच वर्षीय बुजुर्ग मां के निधन के बाद अंतिम संस्कार के लिए उनके शव को सिमरिया घाट पर लाया गया.
मां को दो बेटों ने दी मुखाग्नि जब श्मशान घाट पर बड़े बेटे सिंगेश्वर राय ने मां को मुखाग्नि दी. उसके बाद छोटा बेटा दिनेश्वर राय भी कपड़े पहनकर मुखाग्नि देने के लिए तैयार हो गया. जिसके बाद घाट पर दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई. ऐसा माना जाता है कि परंपरा अनुसार पिता को मुखाग्नि बड़ा बेटा और मां को छोटा बेटा देता है. स्व. इंद्र देव राय की पत्नी गीता देवी अपने बड़े बेटे सिंगेश्वर राय के साथ उसके घर पर रहती थी. उसके पति पुलिस सेवा से रिटायर हुए थे, उनको पेंशन मिलता था. उसको लेकर भी दोनों भाईयों में कभी कभी विवाद चलता रहा है.
संपत्ति को लेकर विवाद मां के निधन के बाद छोटे भाई को बड़े भाई से संपत्ति को लेकर विवाद हो गया. छोटे भाई को लगा कि बड़ा भाई सारी संपत्ति पर कब्जा कर लेगा. इसलिए उसे मुखाग्नी देनी चाहिए. ताकि उसे भी बराबर की हिस्सेदारी मिले और उसकी दावेदारी मजबूत रहे. फिर क्या था श्मशान घाट पर मुखाग्नी देने के समय दोनों भाईयों में विवाद हो गया.
बख्शीशनामा लिखवाया गया दोनों भाईयों के पास पुश्तैनी जमीन के नाम पर शहर में घर के साथ शहर एवं रिविलगंज में करीब चार बीघा जमीन है. पूर्व में छोटे भाई के द्वारा अपनी मां से बख्शीशनामा लिखवा लिया गया था. लेकिन, मां को गांव पर अकेले छोड़े जाने के बाद उनका बड़ा बेटा सिंगेश्वर उन्हें उठाकर छपरा शहर स्थित घर पर लाया और अपने साथ रखने लगा. जहां कुछ दिनों बाद मां गीता देवी ने अपने बख्शीशनामा को गलत साबित करते हुए कोर्ट में रिट दायर कर दी. जिसमें उनके द्वारा बताया गया है कि वह जाली कागजात है.
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