
दुनिया में लोकतंत्र की दी जाती रही दुहाई, Sudan में 'धीमे' से हो गया तख्तापलट
Zee News
ब्रिटेन और मिस्र से 1956 में आजाद होने के बाद सूडान में कई बार तख्तापलट हुए. अल-बशीर ने 1989 में देश की चुनी हुई सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा किया था. अब एक बार फिर सेना ने तख्तापलट कर दिया है.
काहिरा: सूडान की सेना (Sudan Army) ने सोमवार को प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद कार्यवाहक सरकार को बर्खास्त कर सत्ता पर कब्जा कर लिया. इसके बाद हजारों लोग इस तख्तापलट के विरोध में सड़कों पर आ गए. सुरक्षा बलों ने भीड़ पर गोली चलाई जिसमें तीन प्रदर्शनकारी मारे गए और 80 लोग घायल हो गए. इस तख्तापलट की अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने निंदा की है.
सूडान में हुए तख्तापलट के बीच व्हाइट हाउस के प्रवक्ता करीन ज्यां पियरे ने कहा कि अमेरिका सूडान में सेना द्वारा तख्तापलट की चेतावनी देता रहा था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और अन्य अधिकारियों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने सूडान को दी जाने वाली 70 करोड़ डॉलर की सहायता राशि को सस्पेंड कर दिया है. जनरल अब्देल फतह बुरहान ने टेलीविजन पर दिए संदेश में घोषणा की कि देश की सत्तारूढ़ स्वायत्तशासी परिषद और प्रधानमंत्री अब्दाला हमदोक के नेतृत्व वाली सरकार को भंग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक धड़ों के बीच झगड़े के चलते सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा लेकिन उन्होंने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरा करने का संकल्प जताया और कहा कि नई टेक्नोक्रेट सरकार सूडान में चुनाव कराएगी.
