
दिल्ली सरकार में दो कैडरों में टकराव... DASS और DANICS के बीच 217 पदों पर वर्चस्व की जंग!
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दिल्ली सरकार में प्रशासनिक ढांचे में आईएएस अधिकारियों के बाद DANICS कैडर और फिर DASS कैडर आता है. DASS कैडर को सरकार के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ माना जाता है. इसकी स्थापना वर्ष 1967 में हुई थी. लेकिन, DASS अधिकारियों का कहना है कि पिछले पांच दशकों से उनके कैडर की समीक्षा नहीं की गई है, जबकि नियम के अनुसार हर पांच साल में रिव्यू होना चाहिए.
दिल्ली सरकार में दो प्रमुख अफसर कैडरों के बीच अधिकारों की लड़ाई तेज हो गई है. DASS (Delhi Administration Subordinate Services) और DANICS (Delhi, Andaman and Nicobar Islands Civil Services) अधिकारियों के बीच 217 नए पदों पर नियुक्ति को लेकर गंभीर विवाद खड़ा हो गया है. यह मामला अब केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंच चुका है और जल्द किसी समाधान की उम्मीद जताई जा रही है.
दिल्ली सरकार में प्रशासनिक ढांचे में आईएएस अधिकारियों के बाद DANICS कैडर और फिर DASS कैडर आता है. DASS कैडर को सरकार के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ माना जाता है. इसकी स्थापना वर्ष 1967 में हुई थी. लेकिन, DASS अधिकारियों का कहना है कि पिछले पांच दशकों से उनके कैडर की समीक्षा नहीं की गई है, जबकि नियम के अनुसार हर पांच साल में रिव्यू होना चाहिए.
विवाद की जड़ 2023 में हाईकोर्ट के एक फैसले से जुड़ी है. अदालत ने प्रमोशन पाए हुए DASS अधिकारियों के लिए 217 नए पद सृजित करने की अनुमति दी थी. इस फैसले के खिलाफ DANICS अधिकारियों ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) में याचिका दाखिल कर दी. उनका कहना है कि ये पद उनके कैडर के लिए बनाए गए हैं, न कि DASS के लिए.
वहीं, DASS अधिकारियों ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की है. उनका तर्क है कि वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे सीनियर अफसरों को अब प्रमोशन मिलना जरूरी है, खासकर तब जब उनके रिटायरमेंट में कुछ ही समय बचा है.
इस पूरे विवाद के बीच दिल्ली में नई बनी रेखा गुप्ता सरकार की योजनाओं पर भी असर पड़ सकता है. सरकार ने कई विकास योजनाएं शुरू की हैं, जिन्हें लागू करने के लिए अनुभवी और जिम्मेदार अधिकारियों की ज़रूरत है. ऐसे में ये पद काफी अहम हो जाते हैं.

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