दिल्ली में 77 स्कूलों को बनाया गया वैक्सीनेशन सेंटर, बढ़ते संक्रमण के बीच फैसला
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दिल्ली में पहली बार सरकारी स्कूलों को वैक्सीनेशन सेंटर में तब्दील किया गया है. 18 से 44 साल तक के उम्र के लोगों कोरोना टीका लगाने के लिए सरकारी स्कूल में ख़ास इंतजाम किए गए हैं.
दिल्ली में कोरोना की बेकाबू रफ्तार ने सभी को खौफजदा किया है और मरने वालों का आंकड़ा भी डरा है. जवाब दे चुकी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अब वैक्सीनेशन पर काफी जोर दिया जा रहा है. सीएम अरविंद केजरीवाल भी कह रहे हैं कि तीन महीने के अंदर पूरी दिल्ली को टीका लगाने की तैयारी है. ऐसे में अब बड़ा फैसला लेते हुए 77 स्कूलों को वैक्सीनेशन सेंटर बना दिया गया है. बढ़ते संक्रमण के बीच इसे काफी अहम माना जा रहा है. दिल्ली में स्कूल बने वैक्सीनेशन सेंटरहिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.