
दिल्ली-एनसीआर में फिर GRAP-IV लागू, इन कामों पर रहेगी पाबंदी, स्कूलों को लेकर भी आया आदेश
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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया गया है. यह निर्णय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद लिया गया. GRAP-IV के तहत क्षेत्र में कई सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे, जिनमें निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, उद्योगों में प्रदूषणकारी गतिविधियों की रोकथाम और डीजल वाहनों के संचालन पर कड़े नियम शामिल हैं.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया गया है. यह निर्णय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद लिया गया. GRAP-IV के तहत क्षेत्र में कई सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे, जिनमें निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, उद्योगों में प्रदूषणकारी गतिविधियों की रोकथाम और डीजल वाहनों के संचालन पर कड़े नियम शामिल हैं. दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. सोमवार रात 9 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 399 दर्ज किया गया, जो 10 बजे 400 का आंकड़ा पार कर गया. खराब मौसमी परिस्थितियों और हवा की बिल्कुल शांत स्थिति के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ा है. इसे देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की GRAP उप-समिति ने आपात बैठक बुलाई और समिति ने तुरंत प्रभाव से पूरे एनसीआर में GRAP के चरण-IV ('गंभीर+’ वायु गुणवत्ता) को लागू करने का निर्णय लिया.
शहर के 37 निगरानी स्टेशनों में से 25 से अधिक स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया है.
सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र रोहिणी: AQI 451 पंजाबी बाग: AQI 447 वजीरपुर: AQI 446 विवेक विहार: AQI 446
नेहरू नगर (लाजपत नगर): AQI 441
अन्य प्रमुख स्थानों का AQI आईटीओ: AQI 425 मंदिर मार्ग: AQI 412 मेजर ध्यानचंद स्टेडियम: AQI 411
दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड में चलेंगी क्लासेस दिल्ली और एनसीआर में GRAP स्टेज-4 के तहत वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए कक्षाओं पर नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में कक्षा VI से IX और XI तक की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में संचालित होगी. हाइब्रिड मोड का मतलब है कि छात्र फिजिकल और ऑनलाइन मोड दोनों विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं. बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया है. वायु प्रदूषण के कारण स्कूलों में फिजिकल उपस्थिति की बाध्यता खत्म कर ऑनलाइन विकल्प भी दिया गया है. सरकार ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इस फैसले का पालन करें.

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