
दहेज के लिए पत्नी को जिंदा जलाकर मार डाला, अब पति समेत सास-ससुर को मिली ऐसी सजा
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बलिया की एक स्थानीय अदालत ने साल 2018 में दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को 10 साल की सजा सुनाई है, जबकि उसकी मां और पिता को सात साल की सजा सुनाई गई है. पुलिस ने बताया कि यह घटना उनकी शादी के छह साल बाद हुई थी.
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में अपनी पत्नी को जिंदा जलाकर मार डालने वाले एक शख्स को अदालत ने 10 साल कैद की सुनाई है. साथ ही अदालत ने आरोपी के माता-पिता को भी इस मामले में दोषी करार देते हुए सात साल कारावास की सजा दी है. यह मामला जिले में काफी चर्चित रहा था.
शुक्रवार को बलिया की एक स्थानीय अदालत ने साल 2018 में दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को 10 साल की सजा सुनाई है, जबकि उसकी मां और पिता को सात साल की सजा सुनाई गई है. पुलिस ने बताया कि यह घटना उनकी शादी के छह साल बाद हुई थी.
बलिया के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने इस मामले में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रवि किरण सिंह की अदालत ने आरोपी पति धर्मेंद्र वर्मा, उसके पिता बेचन प्रसाद वर्मा और उसकी मां मंजू देवी को हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का दोषी करार दिया है.
SP विक्रांत वीर ने बताया कि जेल की सजा के अलावा प्रत्येक दोषी पर 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. यह मामला बिहार के बक्सर जिले के निवासी कृष्ण सिंह ने शुरू किया था, जिनकी बेटी शशिकला की शादी फरवरी 2012 में कोपवा बहादुरपुर गांव के धर्मेंद्र वर्मा से हुई थी.
साल 2018 में 13-14 सितंबर की दरम्यानी रात को दहेज की मांग को लेकर शशिकला पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी गई थी. घटना की जानकारी उसके परिवार को पांच दिन बाद दी गई थी. तब कृष्ण सिंह ने फेफना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.
इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304 बी (दहेज हत्या) और 498 (महिला के पति या उसके रिश्तेदार द्वारा उसके साथ क्रूरता करना) और दहेज निषेध अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई, और अब अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया और सजा सुनाई गई.

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