‘दस साल तक PM पद की वैकेंसी नहीं’, कुशवाहा के बयान के बाद जदयू-भाजपा में जुबानी जंग
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नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का मटेरियल बताने वाले बयान के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ी है. भारतीय जनता पार्टी और जदयू के बीच में बयानबाजी का दौर जारी है.
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता उपेंद्र कुशवाहा द्वारा दिए गए एक बयान ने बिहार (Bihar) की राजनीति में भूचाल ला दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने बीते दिन कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी प्रधानमंत्री लेवल के मटेरियल हैं, अब भारतीय जनता पार्टी की ओर से इसपर पलटवार किया जा रहा है. बिहार सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सम्राट चौधरी ने इस बयान पर टिप्पणी की है कि अगले दस साल तक प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है. इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से अब ये भी कहा गया कि अगर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के मटेरियल हैं, तो भाजपा में भी मुख्यमंत्री पद के कई मटेरियल हैं. इस पर उपेंद्र कुशवाहा की ओर से पलटवार किया गया. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि पांच साल का कार्यकाल पूरे होने से एक घंटे पहले तक भी कोई नीतीश कुमार को कोई मुख्यमंत्री पद से नहीं हटा सकता है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने बयान दिया था कि मटेरियल की कमी थोड़े ही है लेकिन जनता के वोट से सरकारें बनती हैं और PM-CM बनते हैं. हम बिहार के हित मे गठबंधन की सरकार चला रहे हैं, अगर हम मजबूत होंगे तो गठबंधन भी मजबूत होगा, हमारा CM बनना तय है.उपेंद्र कुशवाहा के बयान के बाद शुरू हुई बहस जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक बयान दिया था कि देश में कई प्रधानमंत्री पद के मटेरियल नेता हैं और नीतीश कुमार उन्हीं में से एक हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भी देश में कई पीएम मटेरियल हैं. इस बयान पर जब टिप्पणियां आनी तेज़ हुईं तब नीतीश कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी. तब नीतीश कुमार ने कहा था कि ऐसी कोई बात नहीं है, हम काहे के लिए रहेंगे. हम लोगों को इन चीजों में दिलचस्पी नहीं है.1 जून यानी कल चुनाव का आखिरी दौर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर ध्यानमग्न हैं. 2019 में फाइनल राउंड से पहले प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में 17 घंटे तक साधना की थी. इस बार पीएम 45 घंटे तक ध्यान में हैं. पीएम विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में कल शाम से ध्यान पर हैं, जो कल शाम 6 बजकर 45 मिनट तक चलेगा. पीएम की साधना तस्वीरें आ गई हैं. विवेकानंद मेमोरियल रॉक के ध्यान मंडपम में पीएम ध्यान में हैं. इसके अलावा वो सूर्य नमस्कार करते हुए भी नजर आ रहे हैं.
कई इलाकों में लोगों को पानी के टैंकरों के पीछे बाल्टी और पाइप लेकर दौड़ते देखा जा सकता है. पानी का टैंकर देखते ही लोग उस पर झपट पड़ते हैं जिसके कई वीडियो सामने आए हैं. लोग लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं. संकट इतना बड़ा है कि गुरुवार को दिल्ली सरकार को इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ी. इसके अलावा पानी की बर्बादी पर जुर्माना लगाया ही जा चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी में ध्यान कर रहे हैं. ठीक 131 साल पहले उसी जगह एक और नरेंद्र ने ध्यान लगाया था और वहां ध्यान करने के बाद वो शिकागो (अमेरिका) में विश्व धर्म संसद में भाषण देने के लिए पहुंचे थे. बाद में आगे चलकर दुनिया ने उन्हें स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना. कन्याकुमारी में उनके ध्यान ने हिंदू धर्म की रूपरेखा बदल दी थी.