दरारें, दर्द और यादें..., लड़खड़ाती जुबान और भरी आंखों से जोशीमठ के लोगों ने सुनाई दास्तां
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जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं से पूरा देश चिंतित है. आए दिन भू-धंसाव की डरा देने वाली घटनाएं और तस्वीरें सामने आ रही हैं. उधर, घर छोड़ने वाले लोगों की आंखों में भरे आंसू उनका दर्द बयां कर रहे हैं. सुबह होते ही ये लोग कैंप से निकलकर अपने घरों को देखने जा रहे हैं. अपने आशियानों को निहारते हुए इनकी आंखें भर आती हैं.
दरारें, दर्द और यादें... इन दिनों जोशीमठ के लोगों की बस यही कहानी है. यहां सिंगधार वार्ड में 8 मकानों को खाली कराया जा चुका है. इन घरों में वर्षों से रहने वाले लोग अपना दुखड़ा सुनाते हुए नजर आ रहे हैं. आगे की जिंदगी कैसे बसर होगी इसको लेकर सभी चिंतित हैं. इन लोगों की आंखों से निकलते आंसू इनका दर्द बयां कर रहे हैं.
यादों की कहानी बयां कर रहे आंसू
नया आशियाना तो वक्त आने पर होगा लेकिन अभी आंखों से बहते आंसू यादों की कहानी बयां कर रहे हैं. सुबह होते ही ये लोग कैंप से निकलकर अपने पुराने घरों को देखने जा रहे हैं. अपने आशियानों को निहारते हुए इनकी आंखें भर आती हैं.
सुबह उठकर घरों को देखने जाते हैं
गौरतलब है कि जोशीमठ के सिंगरार में दो होटलों के नीचे 8 आठ मकाने थे, जिन्हें खाली कराया गया है. लोगों का कहना है कि इन्हें अब तक कमाई गई पूंजी से इसे बनाया था. अब सुबह उठते हैं तो घरों को देखने के लिए जाते हैं.
घर तो मिलेगा लेकिन यादें तो वहीं रह गईं
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