
तुर्की के ड्रोन-चीन की चालबाजी, ट्रंप की क्रेडिटगिरी... डिफेंस से डिप्लोमेसी तक भारत के लिए 5 सबक
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भारत जब पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेता है तो उसका मुकाबला सिर्फ पाकिस्तान से नहीं बल्कि उसकी ढाल बने चीन जैसे चतुर देश से भी होता है. पाकिस्तान जिन हथियारों से भारत पर हमला कर रहा था, उनमें से ज्यादातर चीन में ही तैयार हुए हैं. चीन अपनी चाल के तहत पाकिस्तान को भारत के खिलाफ मोहरा बना रहा है.
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत न सिर्फ पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारा है, बल्कि ऐसा सबक सिखाया कि आगे से वह कोई हिमाकत करने से पहले सौ बार जरूर सोचेगा. पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए भारत ने एयरस्ट्राइक की और इसके बाद भी पाकिस्तान नहीं माना तो जवाबी कार्रवाई करते हुए उसके अहम सैन्य ठिकानों को भी तबाह किया है. इस जंग में चीन और तुर्की जैसे देश पाकिस्तान को पर्दे के पीछे से सपोर्ट कर रहे थे, लेकिन भारत के जांबाजों ने हर नापाक चाल को नाकाम कर दिया है.
PAK को तुर्की का फुल सपोर्ट
पाकिस्तान ने भारत के प्रमुख शहरों से लेकर सीमावर्ती इलाकों सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की भी कोशिश की. लेकिन देश के एयर डिफेंस सिस्टम ने न सिर्फ पाकिस्तान का हर हमला विफल कर दिया, बल्कि जवाबी कार्रवाई करते हुए दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया है. विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई प्रेस ब्रीफिंग में इस बात की जानकारी दी थी कि पाकिस्तानी सेना ने 8 मई की रात भारतीय शहरों पर हमले की जो कोशिश की थी, उसमें तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया था.
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हालांकि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन ड्रोन को मार गिराया और मलबे की शुरुआती फोरेंसिक जांच से पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की निर्मित 'असिसगार्ड सोंगार' मॉडल थे, जिन्हें आमतौर पर निगरानी और सटीक हमलों के लिए तैनात किया जाता है. पाकिस्तान के तुर्की के साथ अच्छे संबंध हैं और वह हथियारों की सप्लाई के लिए मिडिल ईस्ट के इस देश पर निर्भर करता है. इससे जाहिर के तुर्की अंदरखाने से पाकिस्तान को हथियार बेचकर उसे सपोर्ट कर रहा है. संघर्ष से यह साफ हो गया कि भारतीय सैन्य बलों को पाकिस्तान से जंग लड़ने से पहले तुर्की के हथियारों की भी काट खोजनी होगी.
चीन ने चली नापाक चाल

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