तनाव के बीच ताइवान का एयरस्पेस क्यों बंद करने जा रहा है चीन?
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चीन से बाहर के चार अधिकारियों ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि इस बैन से ताइवान के उत्तरी उड़ान सूचना क्षेत्र में उड़ान सेवाएं प्रभावित होंगी. हम अभी इस संभावित प्रतिबंध के कारणों से वाकिफ नहीं है.
ताइवान को लेकर चीन की बौखलाहट कम होने का नाम नहीं ले रही. चीन उत्तरी ताइवान के हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) को बंद करने की योजना बना रहा है. चीन 16 से 18 अप्रैल तक उत्तरी ताइवान के एयरस्पेस को बंद कर सकता है. इस मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों का कहना है कि चीन के इस कदम से ताइवान के इस क्षेत्र के आसपास उड़ान सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि, चीन और ताइवान के विदेश मंत्रालयों ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
चीन से बाहर के चार अधिकारियों ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि इस बैन से ताइवान के उत्तरी उड़ान सूचना क्षेत्र में उड़ान सेवाएं प्रभावित होंगी. लेकिन हम अभी इस संभावित प्रतिबंध के कारणों से वाकिफ नहीं है.
चीन और ताइवान में अनबन क्यों?
चीन और ताइवान का रिश्ता अलग है. ताइवान चीन के दक्षिण पूर्वी तट से 100 मील यानी लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित छोटा सा द्वीप है. ताइवान 1949 से खुद को आजाद मुल्क मान रहा है. लेकिन अभी तक दुनिया के 14 देशों ने ही उसे आजाद देश के तौर पर मान्यता दी है और उसके साथ डिप्लोमैटिक रिलेशन बनाए हैं.
चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है और उसका मानना है कि एक दिन ताइवान उसका हिस्सा बन जाएगा. वहीं, ताइवान खुद को आजाद देश बताता है. उसका अपना संविधान है और वहां चुनी हुई सरकार है.
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