ड्रोन अटैक: पहले भी मिलिट्री स्टेशन को निशाना बनाते रहे हैं आतंकी, अब ऑफेंस ही बेस्ट डिफेंस!
AajTak
जम्मू में एयरफोर्स के बेस पर हुए ड्रोन अटैक ने देश में सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी पहले भी इस तरह मिलिट्री स्टेशन को निशाना बनाते आए हैं, ऐसे में वक्त की मांग है कि भारत को इतिहास से सीखने की ज़रूरत है.
जम्मू में भारतीय वायुसेना के बेस पर हुए ड्रोन हमले और बाद में आसपास के कुछ इलाकों में दिखे ड्रोन से खतरे की घंटी बजती हुई दिख रही है. इस पूरी बेल्ट में सेना के कई बेस, स्टेशन और कैंट इलाके हैं, पूर्व में इनमें से कई को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने निशाना भी बनाया है. लेकिन पुरानी हर घटना में एक साफ सबूत होता था, जो आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के हाथ होने की गवाही देता था. लेकिन, अब जिस तरह ड्रोन हमला किया गया है वो आतंकियों द्वारा तकनीक की ओर किए गए बड़े शिफ्ट की ओर इशारा करते हैं. इससे ना सिर्फ उन्हें किसी आत्मघाती हमले के बदले दूसरा ऑप्शन मिला है, बल्कि बार-बार ऐसा करने का रास्ता भी खुला है. क्योंकि अब किसी आत्मघाती दस्ते को भेजने के बजाय आतंकियों को Kamikaze ड्रोन में ही इन्वेस्ट करना होगा. इन सैन्य अड्डों के आसपास मौजूद रोहिंग्या और अन्य अवैध अतिक्रमण खतरे को और भी बढ़ाती हैं. सुंजवान मिलिट्री स्टेशन की दीवार के पास ही रोंहिग्याओं की अवैध बस्ती बड़ी चिंता का विषय रही है. इसे पहले इग्नोर किया गया, इस बात का शक भी है कि साल 2018 में मिलिट्री स्टेशन पर हुए हमले, जिसमें सुरक्षाकर्मियों, उनके परिवार को निशाना बनाया गया था, उसमें इसका इस्तेमाल हुआ था.केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल स्थापित किए. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की. उन्होंने यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए. केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं.
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि राहुल गांधी हर विषय पर बिना समझे बयान देते रहते हैं. उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को चुनौती देते हुए कहा कि वे बिना गहराई से समझे, विषयों पर टिप्पणी कर देते हैं. उन्होंने राफेल, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) के मामलों का उदाहरण दिया. देखें वीडियो.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी इस मामले पर बयानबाजी नहीं कर सकती क्योंकि सभी पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कानूनी रूप से पैसा मिला है. उन्होंने यह भी बताया कि यह सब पर्लियामेंट के द्वारा लागू किए गए निर्णय के अनुसार हुआ है. वित्त मंत्री ने और क्या कहा, देखें वीडियो.