
ट्रंप के 'जंगबाजी' पैंतरे के बीच वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो को पुतिन ने लगाया फोन, सुरक्षा को लेकर कर दिया ये वादा
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वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़ा तेल भंडार हैं. अमेरिका को ये बात अटकती रहती है. अमेरिका ने 2024 चुनाव में मादुरो की जीत को माना ही नहीं. ट्रंप लगातार वेनेजुएला के साथ तनाव बढ़ा रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रपति मादुरो ने वेनेजुएला की रक्षा की कसम खाई है. और अपने फोन कॉल से पुतिन ने मादुरो को सपोर्ट करने की घोषणा कर दी है.
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एंट्री हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने वेनेजुएला पर जमीनी हमले शुरू करने की धमकी दी है तो इधर रूस वेनेजुएला के राष्ट्रपति के पक्ष में खड़ा हो गया है. राष्ट्रपति पुतिन ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो को फोन कर वेनेजुएला के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई है और वेनेजुएला की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपना समर्थन दोहराया है.
इसी के साथ कैरेबियन सागर में तनाव का उच्चतम स्तर है. ट्रंप ने वेनेजुएला पर हमले की तैयारी शुरू कर दी है, इसकी के बरक्स देखा जाए तो रूस ने वेनेजुएला को अपना समर्थन दे दिया है. ये घटनाक्रम दो महाशक्तियों के टकराव के लिए खतरनाक परिस्थितियां पैदा कर रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 'ड्रग तस्करी' का हवाला देकर वेनेजुएला के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहा है. इसके अलावा कच्चे तेल को लेकर भी दोनों देशों के बीच तनाव है. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन का असली उद्देश्य निकोलस मादुरो सरकार को उखाड़ फेंकना और वेनेजुएला के विशाल तेल संसाधनों पर नियंत्रण हासिल करना है.
10 दिसंबर 2025 को अमेरिकी सेना द्वारा वेनेजुएला के तट के पास एक तेल टैंकर "स्किपर" को जब्त करने से स्थिति और गंभीर हो गई, जो अंतरराष्ट्रीय जल में वेनेजुएला के कच्चे तेल से लदा था. यह कार्रवाई ट्रंप की "मिलिट्री प्रेशर कैंपेन" का हिस्सा है, जिसमें 20 से अधिक नावों पर हमले शामिल हैं, जिनमें 87 से अधिक मौतें हुई हैं.
अमेरिका से टेंशन के बीच पुतिन का मादुरो को कॉल
इस टेंशन के बीच राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी चाल से खेल बदल दिया है. क्रेमलिन ने पुतिन और मादुरो के बीच की जानकारी देते हुए कहा कि, "पुतिन ने वेनेज़ुएला के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई और विदेशी दबाव के खिलाफ देश के हितों और संप्रभुता की रक्षा करने के मादुरो सरकार के इरादे के लिए अपना समर्थन दोहराया है."

कुछ महीनों पहले अमेरिकन्स कई अलग-अलग मुद्दों पर सोच-बता रहे थे, वेनेजुएला इस लिस्ट में नहीं था. फिर अचानक कुछ घटा. अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि वेनेजुएला की नावों को उड़ा देना चाहिए. कुछ ही समय बाद खबर आई कि अमेरिकी फोर्स ने उसकी कई बोट्स को वाकई उड़ा दिया. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसे नार्कोटेररिज्म कहा.

अमेरिका ने वेनेजुएला के तट के पास एक बड़े तेल टैंकर 'Skipper' को जब्त कर लिया है, जो कथित तौर पर ईरान जा रहा था. इसके बाद, अमेरिका ने वेनेजुएला की कई शिपिंग कंपनियों और जहाजों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रखी है और कैरेबियाई सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है.

आसिम मुनीर ने डोनाल्ड ट्रंप को बलूचिस्तान की खदान से निकाले गए रेयर अर्थ के सैंपल दिखाए थे. इसके बाद अब इसी खदान से अहम खनिज निकालने के लिए एक अमेरिकी बैंक ने 120 मिलियन डॉलर का लोन जारी किया है. इसके साथ ही अमेरिका 2 बिलियन डॉलर के खास औजार भी देगा जिनसे खनिज को कारगर तरीके से निकाला जा सके. अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को आगाह किया है कि वह पाकिस्तान की आतंकी नीति को नजरअंदाज न करें क्योंकि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैसे लश्कर और TRF को पहलगाम हमले के बाद बैन किया गया था.

शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में फरवरी में पहला चुनाव होगा. पिछले साल हुए छात्र आंदोलन के बाद देश की राजनीति पूरी तरह बदल गई. अब चुनाव ऐसे माहौल में होगा जहां अवामी लीग जैसा बड़ा दल पाबंदीशुदा हो चुका. एक पुरानी पार्टी है, जिसमें भीतर ही घमासान है. एक और दल है, जो धार्मिक चरमपंथ पर काम करता रहा.

वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़ा तेल भंडार हैं. अमेरिका को ये बात अटकती रहती है. अमेरिका ने 2024 चुनाव में मादुरो की जीत को माना ही नहीं. ट्रंप लगातार वेनेजुएला के साथ तनाव बढ़ा रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रपति मादुरो ने वेनेजुएला की रक्षा की कसम खाई है. और अपने फोन कॉल से पुतिन ने मादुरो को सपोर्ट करने की घोषणा कर दी है.

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत की....दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की....साथ ही दोनों नेताओं ने व्यापार, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया.

पाकिस्तान के प्रोफेसर शाहिद रशीद जिन्होंने स्वयं संस्कृत का अध्ययन किया है ने कहा कि हमें इसे क्यों नहीं सीखना चाहिए? यह पूरे इलाके को जोड़ने वाली भाषा है. उन्संहोंने कहा कि स्कृत के व्याकरणविद पाणिनि का गांव इसी इलाके में था. सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान यहां बहुत कुछ लिखा गया था. उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में पाकिस्तान के अपने संस्कृत स्कॉलर होंगे.

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