टमाटर पैदा करके फंस गए किसान
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यूपी में टमाटर की बंपर फसल का उत्पादन करने वाले किसानों पर कोरोना कर्फ्यू की भीषण मार पड़ी है. टमाटर के दाम छह गुना से भी ज्यादा कम होने के चलते किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के किसान टमाटर की पैदावार करके अपने परिवार का पेट भरते आ रहे हैं. शामली और थानाभवन क्षेत्र के 15 हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है. पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन से टमाटर की फसल पैदा करने वाले किसानों को काफी घाटा सहना पड़ा था. इस वर्ष किसानों को राहत की उम्मीद थी लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक बार फिर किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है. इस वर्ष होली से पहले टमाटर मंडियों में 15 से 20 रुपए प्रति किलो मिल रहा था. कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद से टमाटर के दाम में गिरावट आई है. शामली मंडी के आढ़ती प्रवीण कुमार सैनी के मुताबिक दिल्ली में कोरोना कर्फ्यू के चलते आजादपुर मंडी में किसान टमाटर नहीं ले जा रहे हैं. टमाटर का मंडी में फुटकर विक्रेताओं द्वारा उठान नहीं किया जा रहा है. इस वजह से मंडी टमाटर का दाम तेजी से गिरा है. अब यह पांच रुपए प्रति किलो से भी कम मूल्य पर बेचा जा रहा है. बावजूद इसके टमाटर के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. सहारनपुर के एक बड़े किसान गिरीश मलिक बताते हैं, “टमाटर की एक बीघा खेती में 12 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक लागत आती है, मगर कम दाम मिलने से टमाटर तुड़वाई की मजदूरी नहीं मिल रही है. इस कारण टमाटर की फसल खेत में ही सड़ रही है. किसान अपनी फसल को सड़ता हुआ देखने को विवश है.”कोटा जिला कलेक्टर ने तपती गर्मी से बच्चों को राहत देने के लिए कोचिंग संस्थानों को निर्देशित किया है कि दोपहर 12:00 बजे से पहले और 3:00 के बाद ही कोचिंग के बच्चों के क्लास का समय रखें. दोपहर 12 से 3 के बीच टेंपरेचर 47 से 48 रह रहा है और इस बीच अगर कोचिंग क्लास के लिए बच्चे निकलते हैं तो लू-ताप से बीमार होने की संभावना रहती है.
Electric Scooter Fire: बीते दिनों दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में चार मंजिला बिल्डिंग में आग लग गई. जिस इमारत में आग लगी उसके बेसमेंट में 11 टू-व्हीलर खड़े थें जिनमें एक इलेक्ट्रिक इस्कूटर भी था. बताया जा रहा है कि, इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज में लगाया गया था और सबसे पहले आग इसी स्कूटर में लगी थी.