
झारखंड: झाड़-फूंक के चक्कर में 13 साल तक चारपाई पर सोया रहा गब्बर, अकड़ गया पूरा शरीर
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मामला बंदगांव प्रखंड के लांडूपदा गांव का है. इस गांव में रहने वाला गब्बर सिंह दोराई आज से 13 साल पहले जब 19 साल का था तभी उसे चलने में दिक्कत होने लगी. उसके कमर में दर्द होने लगा था. धीरे-धीरे गब्बर के शरीर ने कमर से लेकर नीचे तक काम करना बंद कर दिया. घर वालों को लगा कि गब्बर को किसी की नजर लग गयी. किसी ने उस पर जादू टोना कर उसके शरीर को अपंग कर दिया है.
झारखंड के कई ग्रामीण इलाके आजादी के लगभग 8 दशक बाद भी अंधविश्वास के मकड़जाल और बेड़ियों से आजाद नहीं हो पाए हैं. इसका जीता जागता उदाहरण एक बार फिर चाईबासा जिले के बन्दगांव प्रखंड में दिखा, जहां एक जवान लड़के गब्बर के कमर से पैर तक समस्या हुई, तो अस्पताल ले जाने के बजाय पिता ने घर में ही झाड़ फूंक कर इलाज शुरू करवा दिया. झारखंड में भोले भाले ग्रामीण झाड़ फूंक के चक्कर में अपनों की ही जान मुसीबत में डाल देते हैं. कुछ ऐसा ही मामला चक्रधरपुर अनुमंडल के बंदगांव प्रखंड में देखने को मिला है. जहां झाड़ फूंक द्वारा इलाज के चक्कर में एक युवक 13 साल तक चारपाई पर सोया रहा, नतीजा यह हुआ कि उसकी बीमारी तो ठीक नहीं हुई लेकिन उसका शरीर जरूर अकड़ गया.
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