
जिस रूसी S-400 से भारत ने PAK के हमले नाकाम कर दिए, उसी से क्यों रूस यूक्रेनी ड्रोन अटैक नहीं रोक पाया?
AajTak
रूस की S-400 मिसाइल प्रणाली ने मई 2025 में भारत में पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को नाकाम किया, लेकिन रूस में यूक्रेन के 1 जून 2025 के ड्रोन हमलों को रोकने में असफल रही. इसके पीछे कारण हैं- रूस की अप्रभावी तैनाती, यूक्रेन की जटिल रणनीति, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और ड्रोनों की संख्या.
रूस की S-400 मिसाइल प्रणाली को दुनिया की सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम में से जाना जाता है. यह सिस्टम हवाई हमलों जैसे विमानों, मिसाइलों और ड्रोनों को रोकने में सक्षम है. भारत ने मई 2025 में पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को S-400 की मदद से सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया. लेकिन रूस, जिसने यह सिस्टम बनाया, यूक्रेन के ड्रोन हमलों को रोकने में बार-बार असफल क्यों रहा?
यह भी पढ़ें: Ukraine ने Russia के एयरबेस पर किया ड्रोन अटैक
भारत में S-400 की शानदार सफलता
मई 2025 में पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, लुधियाना और भुज जैसे भारतीय शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए. भारतीय वायुसेना ने S-400 प्रणाली का उपयोग करके इन हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया. इस प्रणाली ने 50 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों को ट्रैक किया और उन्हें नष्ट कर दिया.
भारत ने S-400 को पठानकोट, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में तैनात किया है. यह सिस्टम 600 km तक लक्ष्य को ट्रैक कर सकती है. 400 km की दूरी तक हमला कर सकती है. भारत ने इसकी तकनीक को अपनी जरूरतों के हिसाब से बदला है. जिससे यह और प्रभावी हो गई.
यह भी पढ़ें: रूस की नई Oreshnik मिसाइल को ट्रैक करना मुश्किल! वैज्ञानिकों ने किए ये दावे...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







