जिन्ना से शुरू हुई जंग आतंकवाद पर आई, तीन चरण बाद बीजेपी को क्यों बदलना पड़ा नैरेटिव?
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Uttar Pradesh Assembly Elections: बीजेपी आंतकवाद के मुद्दे पर सपा को निशाने पर ले रही है. पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक, हर नेता अब अपनी रैलियों में आतंकवाद मुद्दे पर बात कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीन चरण की वोटिंग हो चुकी है. बीजेपी और सपा दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं. दोनों ही दलों के बीच शह-मात का खेल जारी है. भवनात्मक मुद्दे को आगे जनता के मुद्दे फीके पढ़ गए हैं. चुनाव का आगाज जिन्ना जिन से शुरू हुआ और चुनावी तपिश जैसे-जैसे बढ़ी 'मुजफ्फरनगर दंगे', 'पलायन' '80 बनाम 20', 'गर्मी' जैसे मुद्दों को हवा देकर ध्रुवीकरण का पूरा प्रयास किए. तीसरे चरण के साथ नरेटिव बदल गया और अब बीजेपी का नया हथियार आतंकवाद बन गया है.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.