जम्मू-कश्मीर: राजौरी एनकाउंटर में एक आतंकी ढेर, एक जवान शहीद, लैब्राडोर डॉग केंट की भी मौत
AajTak
राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर हो गया. इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी शहीद हो गया है, इसके अलावा भारतीय सेना के फीमेल लेब्रोडोर डॉग केंट की मौत भी हो गई है.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में मंगलवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई. सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया, जबकि सेना का एक जवान इसमें शहीद हो गया. इसके साथ ही मुठभेड़ में भारतीय सेना के फीमेल लेब्रोडोर डॉग केंट की मौत भी हो गई है.
दरअसल केंट सेना के सर्च ऑपरेशन में मदद कर रहा था और आतंकियों की तलाश में लगे जवानों को आगे बढ़ने में मदद कर रहा था. दूसरी ओर से की जा रही फायरिंग में केंट को गोली लग गई, जिसकी वजह से वह नीचे गिर गया और उसे बचाया नहीं जा सका.
मुठभेड़ में एक जवान शहीद, 3 घायल
जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि राजौरी जिले के नरला इलाके में एक आतंकवादी मारा गया. इसके अलावा मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी शहीद हो गया है. इस मुठभेड़ में पुलिस एसपीओ समेत तीन अन्य घायल भी हो गए. पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम को आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए.
डिफेंस के पीआरओ के मुताबिक, जब सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया. सुरक्षाबलों की इस टीम के साथ 21 आर्मी डॉग यूनिट भी थी. हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई, जिनमें कई आतंकवादी ढेर हो चुके हैं.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.