
'जब तक भारत के टुकड़े नहीं होते...', बांग्लादेशी रिटायर्ड जनरल के भी आसिम मुनीर जैसे सपने
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बांग्लादेश का रिटायर ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का भारत विरोध का पुराना इतिहास रहा है. सिंतबर 2024 अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने कहा था कि 1971 में भारत ने बांग्लादेश पर राष्ट्रगान को थोपा था. ये जनरल 1971 की लड़ाई में मृतकों की संख्या पर सवाल उठा चुका है. इसका मानना है कि पाकिस्तान के अत्याचार को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है.
बांग्लादेश के कुछ रिटायर्ड जनरल भी पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की तरह भारत को लेकर खतरनाक सपने देख रहे हैं. बांग्लादेश की सेना से रिटायर ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी ने इंडिया के खिलाफ नफरत उगलते हुए कहा है कि, 'जब तक भारत के टुकड़े टुकड़े नहीं हो जाते हैं बांग्लादेश में संपूर्ण शांति स्थापित नहीं हो सकती है."
अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का भारत विरोध का पुराना इतिहास है. बांग्लादेश की सेना में लंबे समय तक काम कर चुका जनरल आजमी 1971 में युद्ध अपराध का दोषी ठहराया जा चुका जमात-ए-इस्लामी के नेता गुलाम आजम का बेटा है. जमात-ए-इस्लामी का चीफ रहे गुलाम आजम को 1971 में हिंदुओं और आजादी के समर्थक बंगालियों के नरसंहार के लिए दोषी ठहराया गया था.
एक वीडियो में अब्दुल्लाहिल अमान आजमी कहता है कि, 'भारत जब तक टुकड़े-टुकड़े नहीं हो जाएगा, कयामत तक वह बांग्लादेश को शांतिपूर्वक रहने नहीं देगा. हमारे देश की मीडिया, हमारी सांस्कृतिक दुनिया, हमारे बुद्धिजीवियों के संसार में हर जगह भारत दखल देता है. पानी के मुद्दे पर जो लोग हमारे लिए अड़चन पैदा कर रहे हैं, हमारे लोगों को जिस तरह मारा जा रहा है, फिर व्यापारिक असमानता भी है. इन सब का जिक्र छोड़ भी दिया जाए तब भी समस्या बड़ी है."
आसिम मुनीर जैसा सपना
पाकिस्तान का आर्मी चीफ आसिम मुनीर भारत को पाकिस्तान की पुरानी रणनीति "ब्लीड इंडिया विद अ थाउजैंड कट्स" के तहत परेशान करना चाहता है.यह रणनीति भारत को सीधी जंग के बजाय प्रॉक्सी युद्ध, आतंकवाद, अलगाववाद और आंतरिक अस्थिरता के जरिए धीरे-धीरे कमजोर करने की है. इसका मकसद भारत को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से तोड़ना है, ताकि यह "टुकड़े-टुकड़े" हो जाए.
बांग्लादेश का रिटायर्ड जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी भारत के खिलाफ पहले में विषवमन कर चुका है. बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद इसी शख्स ने बांग्लादेश के राष्ट्रगान और संविधान को बदलने की मांग की थी. सितंबर 2024 में इस शख्स ने कहा था कि, 'हमारा वर्तमान राष्ट्रगान हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरित है. यह बंगाल विभाजन और दो बंगालों के विलय का काल दर्शाता है. दो बंगाल को एकजुट करने के लिए बना राष्ट्रगान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे बन सकता है. 1971 में इसे हम पर भारत ने थोपा था.'

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