जंतर-मंतर पर कल से चलेगी 'किसान संसद', आखिर क्यों फंसा था किसानों और पुलिस के बीच पेंच?
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आजतक ने खासतौर पर युद्धवीर सिंह से यह बात जानी कि आखिरकार पेंच कहां फंसा था और जब मामला सुलझा तो किन बातों पर सहमति बनी है. युद्धवीर सिंह ने बातचीत में यह भी बताया कि जो चिंता दिल्ली पुलिस की थी वही चिंता कमोबेश किसान संगठनों की भी थी.
कई दिनों से दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत के बाद बुधवार को आखिरकार किसानों के प्रदर्शन को हरी झंडी दे दी गई. दरअसल कई सारे मसले ऐसे थे जिन पर दिल्ली पुलिस काफी संभल कर चल रही थी. जिनमें सबसे बड़ी चिंता यह थी कि जिस तरह से अनुमति मिलने के बाद 26 जनवरी को किसान बेकाबू हुए थे, क्या वही परिस्थिति दोबारा फिर से बन सकती है. यही वजह थी कि किसानों के यह बार-बार कहने पर भी कि वह शांतिपूर्वक तरीके से अपना प्रदर्शन करना चाहते हैं, दिल्ली पुलिस उन्हें परमिशन देने से हिचकती रही. लेकिन आखिरकार बुधवार को यानी प्रदर्शन शुरू होने से 1 दिन पहले बात बन गई. किसानों की तरफ से पूरी बातचीत का प्रतिनिधित्व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने किया.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.