चीन अरुणाचल प्रदेश को 'दक्षिणी तिब्बत' क्यों कहता है?
BBC
इन इलाक़ों पर न तो मुग़लों का और न ही अंग्रेज़ों का नियंत्रण था. भारत और तिब्बत के लोग भी किसी स्पष्ट सीमा रेखा को लेकर निश्चित नहीं थे. जानिए, चीन क्या तर्क देता है.
पूर्वी लद्दाख में एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी सैन्य तनाव पर भारत और चीन दोनों ने ही दो दिन पहले एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किए थे.
सैन्य तनाव कम करने और सरहद पर यथास्थिति बहाल करने के लिए 13वें चरण की सीनियर सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता दोनों देशों के बीच इन्हीं आरोप-प्रत्यारोप के साथ बनतीज़ा ख़त्म हुई थी.
अब चीन ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के दौरे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि भारत ऐसा कोई काम न करे जिससे सीमा विवाद का विस्तार हो.
चीन की इस आपत्ति पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कुछ ही घंटों में जवाब दिया और कहा कि अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसे अलग नहीं किया जा सकता है. भारत ने कहा कि अरुणाचल में भारतीय नेताओं के दौरे पर आपत्ति का कोई तर्क नहीं है.
इससे पहले चीन ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अरुणाचल जाने पर भी विरोध जताया था. 2020 में गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल जाने पर भी चीन ने आपत्ति जताई थी.