
चलें रोबोट्स की दुनिया में... सुपरस्पीड-मल्टीपल यूज, एक से बढ़कर एक खूबियां, इंसानों के लिए क्या-क्या काम कर रहे Robots?
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दुनिया इस सवाल का जवाब जानना चाहती है कि क्या रोबोट्स आने वाले समय में दुनिया पर राज करेंगे? अपनी 100 साल की हिस्ट्री में रोबोट्स दुनिया में किस हद तक फैल चुके हैं. क्या-क्या काम करते हैं? क्या वे इंसानों के लिए मुसीबत बनेंगे या उनके लिए मददगार साबित होंगे?
आज जितनी तेजी से दुनिया में चीजें और इंसानों की जिंदगी बदल रही है और रोजमर्रा के काम में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है उससे अटकलें लगने लगी हैं कि क्या भविष्य में रोबोट दुनिया पर राज करेंगे? ऐसे में ये समझना जरूरी है कि आखिर इंसानों में रोबोट्स को लेकर इतनी जिज्ञासा क्यों है? आखिर किस हद तक इंसानों की जिंदगी में रोबोट्स का दखल बढ़ चुका है? क्या रोबोट्स इंसान के दोस्त साबित हो रहे हैं या वे तमाम क्षेत्रों में इंसानों को रिप्लेस करते जा रहे हैं? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको रोबोट्स की तेजी से विकसित हो रही दुनिया को समझना होगा...
रोबोट्स की 100 साल की हिस्ट्री पहली बार साल 1921 में चेक बौद्धिक हस्ती कैरेल कैपेक ने अपने प्ले में रोबोट्स शब्द को अंग्रेजी भाषा से इंट्रोड्यूस कराया. साल 1939 में 7 फुट लंबे पहले ह्यूमनायड रोबोट Elektro को न्यूयॉर्क वर्ल्ड फेयर में पहली बार पेश किया गया. यह रिकॉर्डेड प्लेयर के जरिए ट्रैक चलाकर बोलने में सक्षम था. साल 1954 में जॉर्ज डोवेल ने पहला मॉडर्न रोबोट विकसित किया. 1961 में पहला इंडस्ट्रियल रोबोट Unimate 1900 आया. जिसे जनरल मोटर की फैक्ट्री में लगाया गया. यह फैक्ट्री में डाई कास्टिंग मशीनों से हॉट मेटल उठाकर देने जैसे खतरनाक काम में इस्तेमाल होता था. यह एक साथ कई तरह के काम निपटाने में सक्षम था.
इसके बाद 1970 और 1980 के दशक में हॉलीवुड फिल्मों स्टार वॉर्स और टर्मिनेटर जैसी फिल्मों और 1999 में आई मैट्रिक्स में रोबोट्स के प्रमुख किरदारों ने इन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रियता दिलाई. 1985 में रोबोटिक गेम Nintendo ने वीडियोगेम कंसोल के रूप में प्रसिद्धी पाई थी. इसके बाद स्पेस रोबोट्स और मिलिटरी रोबोट्स का दौर आया और अमेरिकी सेना में और नासा के अभियानों में बड़े पैमाने पर रोबोट्स का इस्तेमाल भी होने लगा.इसने जहां खतरनाक मिशनों पर बिना इंसान को भेजे रिमोट सिस्टम से कंट्रोल करने वाले रोबोट्स का विकल्प दिया वहीं कई जगहों पर काम की स्पीड में भी काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली.
कितना बड़ा है रोबोटिक वर्ल्ड? आज रोबोट्स न केवल इंडस्ट्रियल बल्कि और भी कई प्रकार के होते हैं जैसे- डोमेस्टिक हेल्प वाले, एजुकेशनल, स्पेस रोबोट आदि. वर्ल्ड रोबोटिक्स रिपोर्ट 2021 के आंकड़ों के मुताबिक आज दुनिया भर में इंडस्ट्रियल रोबोट्स की संख्या 30 लाख से भी अधिक है. हर साल इस संख्या में 10 फीसदी के लिहाज से बढ़ोत्तरी हो रही है. एक अनुमान के मुताबिक, साल 2026 तक ह्यूमनायड रोबोट्स का ग्लोबल मार्केट 5.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा.
सर्जिकल रोबोट्स आज हेल्थकेयर इंडस्ट्री में बड़ी तादाद में इस्तेमाल हो रहे हैं. इनका इस्तेमाल बॉडी असिस्टेंस, मरीजों के ट्रांसपोर्टेशन और सर्जिकल उपकरणों की तेजी से सप्लाई, टेली मेडिसिन जैसे कामों में किया जाता है. साल 2025 तक केवल सर्जिकल रोबोट्स की मार्केट वैल्यू 12.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है. अमेरिकी न्यूज एजेंसी सीएनएन बिजनेस के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना काल के बीच साल 2021 के शुरुआती 9 महीनों में अमेरिका की फैक्ट्रीज से 29000 हजार रोबोट्स के ऑर्डर मिले. जाहिर है उद्योगों में ह्यूमैन पावर की जगह इनके इस्तेमाल पर कंपनियों की नजर है.
कहां बन रहे हैं ये रोबोट्स? साल 2020 में दुनिया में जितने भी रोबोट्स बने उनमें से 71 फीसदी एशिया में बने. इनमें सबसे बड़ा हिस्सा चीन का है जहां 1 लाख 68 हजार रोबोट्स हैं, जबकि दूसरे नंबर पर 38 हजार रोबोट्स के साथ जापान, 30 हजार रोबोट्स के साथ अमेरिका तीसरे नंबर पर है. ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के डेटा के अनुसार पिछले 20 साल में रोबोट्स की संख्या तीन गुनी तक हो गई है और साल 2030 तक इसके 2 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है. इनमें से केवल चीन में ही एक करोड़ 40 लाख रोबोट्स इंस्टॉल होने का अनुमान है. जाहिर है वहां इंडस्ट्री में इंसानों की जगह रोबोट्स के रिप्लेस होने को लेकर चिंताएं भी बढ़ेंगी.

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