घोसी उपचुनाव: योगी-मोदी के गढ़ में एक चुनाव का नतीजा तय करेगा इन 5 सवालों के जवाब
AajTak
पूर्वांचल मतलब मोदी और योगी का गढ़. बीजपी को केंद्र या राज्य की सत्ता में पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है यह इलाका. पर इसी पूर्वांचल में मऊ-गाजीपुर-आजमगढ जिले हैं जो बीजेपी के लिए रेगिस्तान की तरह हैं. यहां कमल खिलाने की हर कोशिश नाकाम होती रही है. घोसी उपचुनाव इस बार बहुत कुछ तय करने वाला है.
उत्तर प्रदेश में घोसी उपचुनाव रोचक मोड़ पर पहुंच गया है. पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से घनघोर कनवेसिंग हो रही है. बीजेपी की ओर से स्वयं मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपने करीब 2 दर्जन मंत्रियों के साथ लगातार घोसी में नजर बनाए हुए हैं. समाजवादी पार्टी की ओर से पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाल रखा है. मंगलवार को अखिलेश घोसी में रैली कर रहे थे तो शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को करनी है. आमतौर पर उपचुनावों में अखिलेश यादव खुद को प्रचार से दूर रखते थे. लेकिन इस बार उनके एक्टिव होने से यह उप चुनाव महत्वपूर्ण हो गया है.
दूसरी बात ये है कि यह सीट गोरखपुर और बनारस को जोड़ने वाले हाइवे पर स्थित है. गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ का होम डिस्ट्रिक्ट है तो बनारस पीएम नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र है. घोसी सीट मऊ जिले में स्थित है जो गोरखपुर का पड़ोसी जिला है. वाराणसी भी यहां से ज्यादा दूर नहीं है. इसके बावजूद इस इलाके और आसपास के जिलों में बीजेपी सफलता के लिए तरस जाती रही है. घोसी चुनावों में जीत हार से केवल सपा और भाजपा या इंडिया बनाम एनडीए का ही भविष्य नहीं जुड़ा है बल्कि यहां के चुनाव परिणाम और कई संदेश छोड़ने वाला है.
इंडिया का भविष्य तय करेगा यह चुनाव
घोसी में बीजेपी के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान हैं जो पिछली बार सपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे. उनके मुकाबले में समाजवादी पार्टी से सुधाकर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. पर यह चुनाव अब न व्यक्तिगत रहा और न ही पार्टियों का. दरअसल समाजवादी पार्टी के पक्ष में कांग्रेस और वामपंथी दलों समेत समूचा विपक्ष खड़ा हो गया है तो बीजेपी के पक्ष में एनडीए के दल रात दिन लगे हुए हैं. इस तरह यह चुनाव इंडिया बनाम एनडीए का लिटमस टेस्ट भी साबित होने वाला है.
अगर यह उपचुनाव समाजवादी पार्टी जीतती है तो इसे इंडिया की जीत माना जाएगा. इसी तरह समाजवादी पार्टी अगर यह चुनाव हारती है तो भविष्य में होने वाले गठबंधनों को लेकर पार्टी सावधान हो जाएगी. अखिलेश यादव घोसी की जनसभाओं में यह बताना नहीं भूलते कि हम इंडिया एलायंस से हैं. मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो दल कभी हमारे खिलाफ थे, आज वो सभी दल हमारा समर्थन दे रहे हैं. ये बड़ी लड़ाई है. ये बड़ा फैसला होगा. जो देश की राजनीति में भी बदलाव लाएगा. जब से हम एक हुए हैं ये घबरा गए है INDIA ALLIANCE से.
इंडिया गठबंधन के 26 दलों में से एक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को कांग्रेस और वामपंदी दलों ने सपोर्ट किया है. इसके साथ ही अपना दल ( कमेरावादी) और आरएलडी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे समाजवादी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह लग जाएं.खुद अखिलेश यादव अपने चाचाओं राम गोपाल यादव और शिवपाल यादव आदि के साथ चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. दूसरी ओर बीजेपी के लिए एनडीए के घटक दल सुभासपा, निषाद पार्टी , अपना दल के लोग लगातार क्षेत्र में जमे हुए हैं. 8 सितंबर को परिणाम चाहे जो हो एनडीए और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा. एनडीए की जीत से सुभासपा , अपना दल और निषाद पार्टी जैसे पार्टियों का डिमांड बढ़ जाएगी. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की अगर जीत होती है तो कई और दलों की एंट्री संभावित हो जाएगी.
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने बधाई देते हुए कहा कि तीसरी बार पद्भार संभालने पर मोदी जी को मेरी हार्दिक बधाई. हालिया चुनावों मं आपकी पार्टी की जीत से आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास का पता चलता है. आइए, नफरत को उम्मीद से खत्म कर दें और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों के भाग्य को चमकाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं.
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवादी हमले के बाद सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने इलाके की घेराबंदी तेज कर दी है. आतंकियों की तलाश में जंगल में घेराबंदी की जा रही है. घटना के बाद आतंकी जंगल की तरफ भागे थे. हमले में 9 लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए हैं. ये हमला तब हुआ, जब तीर्थयात्रियों से भरी एक बस शिवखोड़ी मन्दिर से वैष्णो देवी मंदिर के बेस कैंप लौट रही थी.
कोलकाता में एक प्राइवेट लॉ कॉलेज की महिला टीचर ने हिजाब पहनकर आने से रोके जाने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसको लेकर जब कॉलेज में बवाल हुआ तो प्रबंधन ने कहा कि ऐसा मिस कम्यूनिकेशन की वजह से हुआ. वहीं महिला टीचर ने कहा कि ऐसा करने से रोके जाने पर उनकी धार्मिक भावना आहत हुई हैं जिसके बाद पांच जून को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
Apple WWDC 2024: Apple ने सोमवार की रात iOS 18, WatchOS 11 के साथ Apple Intelligence को भी पेश किया है. Apple Intelligence की मदद से कंपनी ने AI की दुनिया में एंट्री कर दी है, जिसकी मदद से यूजर्स को ढेरों नए फीचर्स देखने को मिलेंगे. इसमें यूजर्स की प्राइवेसी का भी ध्यान रखा है और यूजर्स के डेटा को स्टोर नहीं किया जाएगा.