गिरिजा टिक्कू के शव का कैसे करना पड़ा था अंतिम संस्कार, परिजन ने बताया
AajTak
कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से पलायन को 33 साल से अधिक हो चुके हैं. आज भी 1990 के दौर को याद करके उनकी रूह कांप जाती है. आतंकवादियों ने घाटी में जिस तरह से उनकी मास किलिंग की थी, मजबूरन कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन करना पड़ा था. एक ऐसे ही परिवार, जिसके साथ बर्बरता हुई अपनी आपबीती बता रहे हैं. देखें.
More Related News
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.