
क्यों एक बार फिर पीएम मोदी को सीधे निशाना बनाने लगे सीएम केजरीवाल? क्या है रणनीति
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सीएम अरविंद केजरीवाल के भाषणों में बीेते कुछ महीनों से एक बदलाव नोटिस किया जा रहा है. वह एक बार फिर पीएम मोदी पर सीधे तौर पर निशाना साधने लगे हैं, जबकि 2019 में बीजेपी की जीत होने और पीएम मोदी 2.0 कार्यकाल शुरू होने के बाद उन्होंने इस तरह के हमले बंद कर दिए थे. सीएम केजरीवाल में हुए इस बदलाव की वजह क्या है?
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को रामलीला मैदान में महारैली की और केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ हुंकार भरी. इस रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पीएम मोदी को 'चौथी पास राजा' बताते हुए कहानी भी सुनाई. 'चौथी पास' कहकर एक बार फिर उन्होंने पीएम मोदी की शिक्षा को लेकर निशाना साधा, जैसा कि वह पिछले कुछ महीनों से करते आ रहे हैं.
इससे पहले अरविंद केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने पर पहुंचे थे, तब भी उन्होंने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए एक कहानी सुनाई थी और उन पर निशाना साधा था. आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों के लिए बीते दिनों थीम सॉन्ग लॉन्च किया था. गीत जिसके बोल थे 'केजरीवाल कचरा साफ करेगा', इसमें जहां आम आदमी पार्टी अपने दिल्ली और पंजाब मॉडल को बहुत अच्छा बता रही थी तो वहीं बिजली माफ-पानी हॉफ जैसी योजनाओं को भी प्रचारित कर रही थी.
इन सबके बीच जो एक बात खास तौर पर ध्यान खींच रही थी, वह थी गाने में पीएम मोदी, सीएम योगी और कमल निशान के झंडे का प्रयोग. थीम सॉन्ग में एक जगह जब ये वाक्य आता है कि 'भ्रष्टाचारी को हटाना है' तो स्क्रीन पर पीएम मोदी और सीएम योगी नजर आते हैं. यानी आम आदमी पार्टी ने अपने थीम सॉन्ग में सांकेतिक तौर पर ही सही, लेकिन बाकायदा फोटो लगा कर पीएम मोदी को भ्रष्टाचारी कहा था.
क्या बदल गया है सीएम का रुख? बीते कुछ महीनों से दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के राजनीति करने और इस दौरान टीका-टिप्पणी करने के तौर-तरीकों में बदलाव देखा जा रहा है. ये बदलाव खास तौर पर पीएम मोदी के प्रति उनके नए रुख में आया है, जिसमें वह सार्वजनिक मंचों से उनका नाम लेकर कठोर टिप्पणियां करते दिख रहे हैं. मार्च-अप्रैल में जोर-शोर से उठे डिग्री विवाद को ही उदाहरण के तौर पर देखें तो अरविंद केजरीवाल ने कई बार राजनीतिक मंचों और जनसभाओं में पीएम मोदी को सीधे तौर पर घेरा है.
पहले पीएम मोदी का नाम लेने से बचते थे सीएम केजरीवाल सवाल है कि आखिर सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को नाम लेकर घेरना क्यों शुरू किया है? ये सवाल इसलिए, क्योंकि 2019 से 2022 के अंत तक के अरविंद केजरीवाल के रुख को देखें तो वह राजनीतिक सभाओं और यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी पीएम का नाम लेने से बचते थे. यह बदलाव उन्होंने बीजेपी-2.0 कार्यकाल शुरू होने के ठीक बाद किया था. इस दौरान उन्होंने जो भी आरोप लगाए वह केंद्र सरकार पर लगाए. सीधे प्रधानमंत्री या पीएम मोदी शब्द का इस्तेमाल उन्होंने नहीं किया.

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