
क्या UN के कहने से गाजा का अपराधी हो जाएगा इजरायल, क्या होगा अगर जनसंहार साबित हो जाए?
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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने 72 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा है कि इजरायल लगातार गाजा के खिलाफ जनसंहार कर रहा है. जनसंहार की पांच में से चार श्रेणियों में उसके नाम पर ग्रीन टिक है. रिपोर्ट के बाद चर्चा हो रही है कि अगर तेल अवीव वाकई ऐसा कर रहा है, तो इसपर कोई एक्शन क्यों नहीं हो रहा?
इजरायल और आतंकी संगठन हमास के युद्ध को दो साल होने वाले हैं. इस दौरान हमास का मुख्यालय गाजा बुरी तरह से तबाह हो चुका. वहां से भुखमरी और कुपोषण की खबरें पहले से आ रही थीं, लेकिन अब यूनाइटेड नेशन्स की एक रिपोर्ट ने तहलका मचा दिया. उसका आरोप है कि गाजा में इजरायल जनसंहार कर रहा है. जनसंहार को इंटरनेशनल कानून में सबसे बर्बर, सबसे गंभीर क्राइम माना जाता है. तो क्या यूएन की रिपोर्ट ये तय करने के लिए काफी है? या फिर इसके लिए कुछ और भी औपचारिकताएं हैं?
क्या कहती है ताजा रिपोर्ट
यूनाइटेड नेशन्स की एक जांच कमेटी ने फिलिस्तीनी हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया. उसका कहना है कि अक्टूबर में हमास से लड़ाई शुरू होने के बाद इंटरनेशनल कानून तोड़ते हुए इजरायल ने जनसंहार किया. रिपोर्ट में इजरायली आर्मी की कार्रवाई को इसी तरह से देखा गया. तेल अवीव ने हालांकि रिपोर्ट को सिरे से नकारते हुए कहा कि ये भ्रम फैलाने वाली है. वे केवल सैन्य एक्शन ले रहे हैं, वो भी हमास के ठिकानों को टारगेट करते हुए.
गाजा पट्टी में लड़ाई शुरू होने के बाद से ही इसपर बात हो रही है कि इजरायल युद्ध की आड़ में जनसंहार कर रहा है. यूएन पहले भी ऐसे आरोप लगा चुका. हालांकि ज्यादातर बड़े देश इस शब्द के इस्तेमाल से परहेज करते रहे. तो क्या अकेले यूएन इतना गंभीर आरोप लगाए तो उसे सच मान लिया जाएगा?
हत्या ही नहीं, जनसंहार में और भी बहुत कुछ शामिल जनसंहार का मतलब है किसी खास समूह को पूरी तरह से या आंशिक रूप से खत्म करने के लिए पूरी योजना के साथ हिंसक अभियान चलाना. इसमें केवल हत्या नहीं, बल्कि सोच-समझकर की गई वे सारी हरकतें शामिल हैं, जो किसी तबके को धीरे-धीरे खत्म कर दे. जैसे जन्म दर को रोकने की कोशिश करना. नई पीढ़ी को पेरेंट्स से अलग कर देना और अलग कल्चर में ढालना.
जनसंहार सबसे गंभीर इंटरनेशनल आरोप है, जो कहनेभर से तय नहीं हो जाता. इसके लिए बाकायदा जांच कमेटियां बनती हैं, जो लंबी जांच करती हैं. ग्राउंड पर जाया जाता है. लोगों से मुलाकात होती है. देखा जाता है कि हिंसा के अलावा क्या बच्चों को परिवारों से अलग किया जा रहा है. कई स्तर पर जांच होती है, तभी कुछ कहा जा सकता है.

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