
क्या यूक्रेन के ड्रोन अटैक का जवाब 'Super Weapon' से देंगे पुतिन? इन हथियारों का अबतक नहीं किया इस्तेमाल
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रूस के पास अवनगार्ड, जिरकॉन, बुरेवेस्तनिक, पोसाइडन और सरमत जैसे सुपर हथियार हैं, लेकिन पुतिन ने इन्हें यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया. इनके इस्तेमाल की सिर्फ धमकी दी जाती है. पुतिन इस लड़ाई को लंबा खींचना चाहते हैं ताकि यू्क्रेन और उसके साथी देश थक जाएं.
रूस के पास दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक और उन्नत हथियार हैं, जिन्हें "सुपर हथियार" कहा जाता है. इनमें अवनगार्ड, बुरेवेस्तनिक, जिरकॉन, किंझल, पोसाइडन और सरमत शामिल हैं. लेकिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध (फरवरी 2022 से शुरू) में इनका उपयोग क्यों नहीं किया? किंझल का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन बाकी मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया या नहीं, इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी रूसी सरकार की तरफ से नहीं की गई.
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रूस के सुपर हथियार
अवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल: यह हथियार ध्वनि की गति से 20 गुना तेज (मैक 20) उड़ता है. यानी 24696 किलोमीटर प्रतिघंटा. 6000 किमी तक मार कर सकता है. यह परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकता है. रडार से बच सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

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आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







