क्या महिलाओं के पास है डर को सूंफने की शक्ति, वैज्ञानिकों ने दिया ये जवाब
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डर (Fear) के आगे जीत है. डर सबको लगता है. डर-वर कुछ नहीं बल्कि एक मनोदशा है. डर को लेकर ऐसी बातें आपने सुनी होगी. ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि क्या 'डर' को सूंघा या महसूस किया जा सकता है? इस सवाल का जवाब हाल ही में हुए एक रिसर्च में मिला है.
नई दिल्ली: डर (Fear) के आगे जीत है. डर सबको लगता है. डर-वर कुछ नहीं बल्कि एक मनोदशा है. डर को लेकर ऐसी बातें आपने सुनी होगी. ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि क्या 'डर' को सूंघा या महसूस किया जा सकता है? इस सवाल का जवाब हाल ही में हुए एक रिसर्च में मिला है. जिसके नतीजों के मुताबिक डर को सूंघना संभव है, लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब उसका अंदाजा लगाने वाली कोई महिला हो.
इस शोध में 214 पुरुष और महिलाओं को शामिल किया गया. सभी को मास्क की मदद से पसीने की महक के नमूनों को सूंघना था. वैज्ञानिक तथ्यों पर हुई निगरानी में पता चला कि हकीकत में परेशान कुछ लोगों का पसीना सूंघने के बाद महिलाओं का व्यवहार आश्चर्यजनक रूप से बदल गया. मनोनिचिकित्सकों (Psychologists) की निगरानी में हुए रिसर्च वर्क के लिये एक ऑडिटोरियम में पब्लिक स्पीच सुन रहे लोगों के साथ प्ले ग्राउंड में मौजूद लोगों के पसीनें के सैंपल कलेक्ट किये थे. इस प्रॉसेस के दौरान महिलाओं को ऑनलाइन गेम खेलने के लिये भी कहा गया था.
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