क्या छिड़ेगी नई जंग? पुतिन की धमकियों को नजरअंदाज कर NATO में शामिल हुआ रूस का ये पड़ोसी
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2008 में जॉर्जिया और 2022 में यूक्रेन. दोनों ही देश नाटो में शामिल होना चाहते थे, लेकिन रूस ऐसा नहीं चाहता था. नतीजा ये हुआ कि जॉर्जिया और यूक्रेन दोनों को ही रूस के हमलों का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद रूस का पड़ोसी देश फिनलैंड आज नाटो में शामिल हो गया. ऐसे में जानते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है? पुतिन नाटो से चिढ़ते क्यों हैं? और क्या अब एक नई जंग शुरू होने वाली है?
'अभी हम जब बॉर्डर के उस तरफ देखते हैं तो हमें फिनलैंड दिखता है. लेकिन अगर फिनलैंड नाटो में शामिल हो जाता है तो हम उसे दुश्मन की तरह देखेंगे.'
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2016 में ये बात कही थी. फरवरी 2022 से पहले तक फिनलैंड के कभी नाटो में शामिल होने की चर्चा भी नहीं होती थी. लेकिन पिछले साल जब पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया तो फिनलैंड ने नाटो से जुड़ने की कोशिश तेज कर दी.
अब फिनलैंड नाटो का सदस्य बन गया है. फिनलैंड एक ऐसा देश था जिसने किसी एक तरफ जाने की बजाय न्यूट्रल होने का रास्ता चुना था. लेकिन यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उसका इरादा बदल गया.
नाटो में फिनलैंड का शामिल होना रूस के लिए एक बड़ा झटका है. वो इसलिए क्योंकि फिनलैंड के शामिल होने का मतलब है कि नाटो रूस की सीमा के और करीब पहुंच गया है. और पुतिन की नाटो से चिढ़ की भी यही वजह है.
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नाटो मतलब क्या...?
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