क्या कोरोना की थर्ड वेव का निशाना बनेंगे बच्चे? WHO की रिपोर्ट और Omicron से डरावने संकेत
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WHO ने बताया था कि 5 से 14 साल के बच्चों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. WHO यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हैंस क्लूज ने कहा कहा यूरोप के कई देशों में बच्चों में इंफेक्शन के मामले दो से तीन गुना बढ़ गए हैं.
Omicron Varinat Impact on Children and Corona Third Wave: कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया के कई देशों में अपने पैर पसार चुका है, ऐसे में बड़ा सवाल फिर से बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर है. वहीं आशंका ये भी जताई जा रही है कि क्या कोरोना की तीसरी लहर का बच्चे शिकार बनेंगे? दरअसल, दुनिया भर के डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने एक क्लीनिकल रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) को सौंपी है. जिसमें कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका में 2 साल से ऊपर की उम्र वाले बच्चों के भर्ती होने की संख्या बढ़ी है. ऐसे में ये आशंका है कि ओमिक्रॉन बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है. ये भारत के लिए भी खतरे की घंटी है. क्योंकि भारत में अभी केवल 18 से ऊपर की उम्र वाले लोगों का ही वैक्सीनेशन हो रहा है.
जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं भी संविधान विरुद्ध कोई कार्य हो रहा है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिमों की समीक्षा करेंगे. यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से आरक्षण प्रणाली के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान है.