
क्या अमेरिका में घरेलू आतंकवादी सक्रिय हो चुके, क्यों इसके हवाले से ट्रंप शहरों में सेना उतारना चाह रहे?
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अवैध प्रवासियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा इस कदर है कि वे कई शहरों पर घरेलू आतंकवाद का आरोप लगाने लगे. ट्रंप का कहना है कि स्थानीय लोग ही घुसपैठियों से मिले हुए हैं और शहरों में अव्यवस्था ला रहे हैं. इस कथित घरेलू आतंक को रोकने के लिए ट्रंप सदियों पुराना इन्सरेक्शन एक्ट लागू करना चाह रहे हैं.
कुछ समय पहले डोनाल्ड ट्रंप ने शिकागो को घरेलू आतंक से परेशान बताया था. अब पोर्टलैंड भी लिस्ट में है. वहां अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पर काबू के लिए ट्रंप प्रशासन ने वहां सेना भेजनी चाही. हालांकि एक फेडरल जज ने इस पर रोक लगा दी. इससे भड़के हुए ट्रंप साल 1807 का एक कानून वापस लाने की धमकी दे रहे हैं. समझिए, क्या है वो कानून, और क्या वाकई अमेरिका के कई शहर जल रहे हैं.
सबसे पहले तो ताजा मामला जानते चलें. ओरेगन राज्य का पोर्टलैंड यूएस के उन शहरों में शामिल है, जहां इमिग्रेशन को लेकर माहौल बहुत गरम है. यहां बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए. प्रोटेस्ट की शुरुआत तब हुई जब ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ ज्यादा सख्त कदम उठाने की बात की. पोर्टलैंड में इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट का काफी बड़ा सेंटर है, जहां घुसपैठिए रखे जाते हैं. ट्रंप ने कहा कि इन केंद्रों पर सुरक्षा बढ़ाने और प्रदर्शन रोकने के लिए फेडरल फोर्स लगाई जाएगी. यानी केंद्र की एजेंसियों के पास हक होगा कि वे व्यवस्था संभाल लें और कार्रवाई कर सकें.
इस बात ने पहले से चल रहे प्रोटेस्ट को और भड़का दिया. लोग कहने लगे कि किसी राज्य में फेडरल फोर्स भेजने का मतलब है, लोगों की आजादी खत्म करना. चूंकि पोर्टलैंड में अवैध प्रवासी काफी संख्या में हैं, जो कई काम संभाल रहे हैं. लिहाजा ये डर भी हुआ कि उन्हें भेजा जाएगा तो इकनॉमी पर असर होगा. इसे लेकर भी स्थानीय लोग मांग करने लगे कि घुसपैठियों के साथ मानवीय व्यवहार हो, न कि जोर-जबर्दस्ती की जाए. ICE बिल्डिंग के बाहर रोज प्रोटेस्ट होने लगा.
यहीं ट्रंप की असल एंट्री हुई. उन्होंने संकेत दिया कि अगर राज्य से मामला न संभल रहा हो तो वे इन्सरेक्शन एक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके तहत पोर्टलैंड में सेना तैनात हो जाएगी. तब से राज्य सरकार और संघीय सरकार के बीच सीधा टकराव हो रहा है. ओरेगन के नेताओं ने कोर्ट की मदद लेते हुए सेना की तैनाती पर रोक लगा दी.
इस रोक के बाद से ट्रंप और नाराज हैं. वे दावा कर रहे हैं कि अमेरिका में वामपंथी घरेलू आतंकवाद फैल रहा है. दिलचस्प ये है कि वो सारे शहर आरोप में घिरे हैं, जहां डेमोक्रेट्स हैं. इनमें पोर्टलैंड या शिकागो ही नहीं, लॉस एंजेलिस, बाल्टिमोर, यहां तक कि वॉशिंगटन भी शामिल है. ट्रंप का कहना है कि डेमोक्रेटिक शहर होने की वजह से कानून वहां कमजोर हो रहा है. लोग साजिशन अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर बवाल कर रहे हैं. यही वजह देते हुए वे सदियों पुराना कानून लौटाना चाहते हैं.
क्या है यह एक्ट अमेरिका में आम तौर पर राष्ट्रपति सेना को देश के अंदर घरेलू कानून-व्यवस्था संभालने के लिए तैनात नहीं कर सकते, जब तक कि संसद की मंजूरी न हो. लेकिन इन्सरेक्शन एक्ट एक ऐसा पुराना कानून है जो राष्ट्रपति को खास हालात में ये अधिकार देता है कि वो देश के अंदर सेना भेज सकें और नेशनल गार्ड्स यानी राज्य की फोर्स को अपने कंट्रोल में ले सकें. खास हालातों की भी परिभाषा है, जब राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ जाए और राज्य की पुलिस और कोर्ट उस पर काबू न कर सकें, तब प्रेसिडेंट हरकत में आते हैं और फेडरल फोर्स भेजते हैं.

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