कोरोना संकट में 7 Km के लिए 9 हजार रुपये मांगने वाले एंबुलेंस चालक को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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कोरोना संकट में कुछ एंबुलेंस चालक लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं. वहीं पुलिस भी इन पर सख्त हो चली है. गोविंदपुरी थाना क्षेत्र में ऐसा ही मामला सामने आया, तो पुलिस ने आरोपी एंबुलेंस चालक को जाल में फंसाने के लिए प्लान बनाया.
राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है. कोरोना मरीजों को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस चालक खूब मनमानी कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया गोविंदपुरी थाना क्षेत्र में, जहां एंबुलेंस चालक ने महज 7 किमी दूर पहुंचाने के लिए मरीज के परिजनों से 9 हजार रुपये की मांग की, इतना ही नहीं 1500 रुपये एडवांस भी ले लिया. परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी एंबुलेंस चालक को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. पुलिस ने कस्टमर बनकर उसी एंबुलेंस को एक बार फिर बुक कर लिया. 1500 रुपये लिए एडवांस में आरोपी एंबुलेंस चालक का नाम फैजान है, जो संगम बिहार का रहने वाला है. बताया गया है कि गोविंदपुरी थाना पुलिस से यहीं के रहने वाले सोनू तिवारी ने शिकायत की थी. सोनू तिवारी ने बताया कि उसके बड़े भाई को तेज बुखार आ रहा था. बड़े भाई का अपोलो हॉस्टिपल पहुंचाने के लिए उसने एंबुलेंस चालक से बात की. एंबुलेंस चालक ने मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनसे अधिक पैसों की डिमांड की. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसके घर से अपोलो हॉस्पिटल की दूरी करीब 7 किलोमीटर है. एंबुलेंस चालक ने महज 7 किमी दूर के लिए 1500 रुपये एडवांस लिया और 9 हजारे रुपये की डिमांड की. वहीं ड्राइवर ने ये भी बोला, कि यदि अपोलो में कोरोना मरीज को भर्ती नहीं किया गया, तो वहां से दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने पर अतरिक्त चार्ज देना होगा.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.