कोरोना: ‘बेड है, लेकिन ऑक्सीजन नहीं, मरीज को ले जाइए’, बिहार के बक्सर का हाल
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कोरोना वायरस का खतरा अब ग्रामीण इलाकों में बढ़ने लगा है. बिहार के बक्सर के कोविड केयर सेंटर की हालत काफी खस्ता है. यहां पर कुछ ही बेड्स खाली हैं, लेकिन ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है. ग्राउंड रिपोर्ट में जानें क्या है पूरा हाल...
कोविड-19 की दूसरी लहर कितनी भयावह है इसका अंदाजा रोज आने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या और मरने वालों के आंकड़े में दिखाई दे रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल संक्रमण ग्रामीण इलाकों में सेंध लगाता दिख रहा है. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. बिहार में तो मानो इस वायरस के आगे सारी व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं. बिहार के बक्सर में कोरोना काल में किस तरह के इंतजाम हैं और वहां का क्या हाल है, इसका पता आजतक की टीम ने लगाया. बक्सर के सदर अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, जहां 50 से 60 मरीजों के रहने की व्यवस्था है. बक्सर के जिला कोविड-19 सेंटर पर कुछ मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेड की भी व्यवस्था है, लेकिन यहां की व्यवस्था डराने वाली है. अस्पताल में इतने बेड नहीं हैं जो संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए जगह दे सकें. अगर बेड हैं तो पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं है. आलम यह है कि कई मरीजों को ऑक्सीजन ना होने के चलते लौटा दिया जाता है, वेंटीलेटर के सवाल पर मेडिकल ऑफिसर कहते हैं किसी और से पूछिए. ‘बेड नहीं है, मरीज को ले जाइए’ सदर अस्पताल में बक्सर के कसराई गांव से आए विनोद अपने पिता को भर्ती करवाने लाए हैं क्योंकि उनका ऑक्सीजन लेवल 51 तक चला गया है. पिता कार में लेटे हैं और उनकी मां पंखे से उन्हें हवा दे रही हैं, बेटा अस्पताल के चक्कर लगा रहा है कि किसी तरह ऑक्सीजन वाला बेड मिल जाए. विनोद अस्पताल के भीतर डॉक्टर से मिलने गए लेकिन उन्हें जवाब मिला कि ऑक्सीजन बेड नहीं है, मरीज को कहीं और ले जाइए. कैमरे के सामने विनोद एक बार फिर अस्पताल के भीतर डॉक्टर से बात करने गए, बाहर आते ही विनोद ने कहा कि डॉक्टर कुछ नहीं बोल रहा है. बोल रहे हैं कि बेड खाली नहीं है अब हमें नहीं पता कि हम कहां ले जाएं. जब हालात को परखने के लिए हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगी गई, तो जवाब मिला कि हमारे पास पहले से ही मरीज हैं जो वेटिंग में हैं, अभी के मरीज को डिस्चार्ज करके उन्हें भर्ती किया जाएगा. अभी दो बेड्स हैं, लेकिन ऑक्सीजन नहीं हैं, ऐसे में मरीज को कैसे भर्ती कर लें. हेल्पलाइन से खुद ही कह दिया गया है कि जब बेड्स नहीं हैं, तो हम क्या करें और मरीज को कैसे भर्ती कर लें.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.