
कोड नेम Spiderweb, 117 ड्रोन से अटैक, 40 रूसी जेट उड़ाने का दावा... पुतिन पर सबसे बड़े यूक्रेनी हमले की कहानी
AajTak
'स्पाइडर्स वेब' नाम के इस ऑपरेशन को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की और यूक्रेन की घरेलू खुफिया एजेंसी एसबीयू (SBU) के प्रमुख वसिल मलियुक की सीधी निगरानी में चलाया गया. क्षतिग्रस्त विमानों की संख्या अभी भी कंफर्म नहीं है, लेकिन अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो यह हमला युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन की ओर से किया गया सबसे विनाशकारी ड्रोन हमला होगा, जिसमें 117 ड्रोन्स के इस्तेमाल का दावा किया जा रहा है.
यूक्रेन की खुफिया एजेंसियों ने रविवार को रूस के भीतर कई एयरबेसों को निशाना बनाते हुए एक बेहद जटिल और खुफिया ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस हमले में रूस को भारी नुकसान हुआ और उसके 41 युद्धक विमानों को तबाह कर दिया गया. यूक्रेनी एजेंटों ने दूर की सीमाओं को पार करने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया. उन्होंने विस्फोटकों से लैस ड्रोन को लकड़ी के शेड की छतों के भीतर छिपा दिया.
इन शेड्स को ट्रकों में लादकर रूसी एयरबेसों के पास पहुंचाया गया. तय स्थान पर पहुंचने के बाद, इन शेड्स की छतें रिमोट कंट्रोल से खोली गईं और अंदर छिपे क्वाड्रोकॉप्टर ड्रोन एक साथ उड़कर रनवे पर खड़े बमवर्षक विमानों पर हमला करने लगे. रॉयटर्स से बात करने वाले एक यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन, जिसका कोड नाम 'स्पाइडर्स वेब' था, में चार रूसी एयरबेसों को निशाना बनाया गया और यह यूक्रेन की ओर से अब तक किया गया सबसे बड़ा ड्रोन हमला था.
यूक्रेन का सबसे बड़ा ड्रोन हमला
'स्पाइडर्स वेब' नाम के इस ऑपरेशन को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की और यूक्रेन की घरेलू खुफिया एजेंसी एसबीयू (SBU) के प्रमुख वसिल मलियुक की सीधी निगरानी में चलाया गया. क्षतिग्रस्त विमानों की संख्या अभी भी कंफर्म नहीं है, लेकिन अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो यह हमला युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन की ओर से किया गया सबसे विनाशकारी ड्रोन हमला होगा, जिसमें 117 ड्रोन्स के इस्तेमाल का दावा किया जा रहा है.
लकड़ी की शेड्स के भीतर छिपे ड्रोन्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







