कासगंज कस्टोडियल डेथः यूपी पुलिस के गले की फांस बन गई अल्ताफ की मौत, जानिए अब तक क्या हुआ
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यूं तो ये मामला किसी फाइल में दबकर दम तोड़ देता. लेकिन 22 साल के युवक अल्ताफ की मौत के इस मामले में खुद पुलिस की कहानी ने झोल पैदा कर दिया. पुलिस की कहानी ही इस मामले को चर्चाओं में लाने की वजह बन गई.
उत्तर प्रदेश की कासगंज पुलिस इन दिनों चर्चाओं में बनी हुई है. इसकी वजह पुलिस का कोई कारनामा नहीं बल्कि थाने में एक नौजवान की मौत है. पुलिस हिरासत में मौत का यह मामला यूपी पुलिस के लिए गले की फांस बन गया है. हर तरफ से पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. खासकर पुलिस की उस थ्योरी पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो पुलिस ने इस मौत की वजह बताई है. साफतौर पर कहा जाए तो कासगंज के नौजवान अल्ताफ की मौत की गुत्थी को पुलिस ने इतना उलझा दिया है कि अब पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.